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अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एंव महिला कायस्थ सभा प्रकोष्ठ के सौजन्य से नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती पराक्रम दिवस के रूप मे मनाई गयी

मैनपुरी,नवजीवन पुस्तकालय मैनपुरी में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एंव महिला कायस्थ सभा प्रकोष्ठ के सौजन्य से नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती पराक्रम दिवस के रूप मे मनाई गयी। अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा के अध्यक्ष एड़ राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ द्वारा नेता जी का माल्र्यापण एंव तिलक वन्दन एंव आरती एंव सभी सभानित महानुभावों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गयी। जिला अध्यक्ष जी राजीव कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अनेको यातनाये सहने पर भी नेता जी ने देश को झुकने नहीं दिया। डा॰ चन्द्रमोहन ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन मे एंव ब्रिटिश साम्राज्य के अत्याचारो को बताते हुए सुभाष चन्द्र बोस के उदेश्य साहस एंव अपनी अनूठी प्रतिभा से अंग्रेजो की जडे भारत से सम्पूर्ण नष्ट कर दी। इसी संदर्भ मे डा. आशा सक्सेना ने कहा कि नेताजी का जीवन अनूठा था उनकी देशभक्ति का भारत चिर जीवन ऋणि रहेगा। कुसुम श्रीवास्तव ने कहा कि वीर सेनानी की भूमिका मे एंव राष्ट्रीय आन्दोलन को समय समय पर उचित मार्गनिर्देशन के लिए नेता जी का योगदान स्मर्णीय है। बृज मोहन ने नेता जी को देश के महान नायक एंव वीर सेनानी से सम्बोधित करते हुए उनके कौशल के अनेको उदाहरण प्रस्तुत किये हमारे युवा कायस्थ नेता विकास कुलश्रेष्ठ ने अति तेजस्वी वक्रतव्य देते हुए कहा कि नेता जी के अनोखे व्यक्तित्व एंव चतुर्भरवी दूरदर्शिता से सम्राट ने अंग्रेजो के छक्के छुडा दिए एंव देश को स्वाधीन कराने मे अपनी विशिष्ठ भूमिका प्रस्तुत की। रोहित सक्सैना ने नवयुवको को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनसे प्रेरणा लेकर देश उन्नति के शिखर पर चलते हुए महान शक्ति से भारत गौरवान्वित हो सकता है और हो रहा है। कार्यक्रम मे अनेको कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को नेता जी सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध प्रतियोगिता सम्पन्न हुयी थी सभी बच्चो को पुरूस्कार जिला अध्यक्ष एंव मुख्य अतिथि द्वारा दिये गये। कार्यक्रम के मुख्य प्रवक्ता जोहरी ने कहा कि सन 1930-32 मे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन के उपरान्त जन समूह मे असफलता के कारण निराशा हो गयी थी युवा वर्ग का गांधी जी पर विश्वास उठ गया था उस कठिन समय मे नेता जी ने नवीन ऊर्जा का संचार किया और एक नई दिशा देने का प्रयास किया। देश के काँग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्यकरना मुश्किल कर दिया था तब उन्होने अकेले जुझारू व्यक्तित्व के दम पर शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य की गैर पारंपरिक सोच के साथ न सिर्फ कडी चुनौती दी बल्कि देश के एक छोटे से भू भाग को स्वतन्त्र कराकर आजाद भारत की सरकार का नेतृत्व कर देश को नवीन प्रेरणा एंव समाज सदा सतत् प्रयत्नशील रहना चाहिए इसकी भी सीख दी। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने यह भी निर्णय लिया कि नेताजी के पदचिन्हों पर चलते हुए हम सब मिलकर आगामी नगर पालिका के चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारेंगे जिसमें डाॅ0 हिमान्शू सक्सैना का नाम सबसे आगे रहा। कार्यक्रम कार्यक्रम मे अरूना, प्रशान्त, अमनदीप, राजू रंगशाला ,प्रवीन सक्सेना, अरूण जोहरी, ममता भटनागर, शोभा हजेक, नूपुर सिन्हा, अनुराग सक्सेना, रिता भगौलीवाल, कुसुमलता, विवेक जौहरी, अवनीश मवार, ईशू सक्सेना, निखिल कुदेशिया, आयुष मवार, रोहित सक्सेना, रजत सक्सेना, शिवाँकुर बिसारिया, अवनीन्द्र्र मोहन, हर्षवर्धन आदि मौजूद रहे।