Breaking News
(प्रोटीन)
(प्रोटीन)

उम्र के हिसाब से कितनी होनी चाहिए प्रोटीन की डेली डोज?(प्रोटीन)

प्रोटीन: धरती पर प्रोटीन जीवन का आधार है. शरीर के शायद ही कोई हिस्सा होगा जिसमें प्रोटीन न हो. इसलिए प्रोटीन को शरीर का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है. यानी प्रोटीन के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है. प्रोटीन शरीर में कोशिकाओं और टिशूज को बनाता है और उनमें हुए टूट-फूट की मरम्मत करता है. स्किन, बाल, नेल्स, हड्डी, मसल्स से लेकर नाखून तक में प्रोटीन की आवश्यकता होती है. प्रोटीन शरीर को बनाने में जितना महत्व रखता है, उतना ही इसे प्राप्त करना भी हमारे लिए जरूरी है. शरीर में प्रोटीन को बनाने के लिए 20 तरह के एमिनो एसिड की जरूरत पड़ती है. इनमें से 9 एमिनो एसिड शरीर में नहीं बन पाते हैं. ये एमिनो एसिड भोजन से ही प्राप्त करने होते हैं जो प्रोटीन के रूप में शरीर को मिलता है. पर यह जानना भी जरूरी है कि रोजाना एक इंसान को प्रोटीन  (प्रोटीन) की कितनी जरूरत होती है.

शरीर में प्रोटीन का काम
मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक शरीर में प्रोटीन बहुत ज्यादा काम करता है. इसलिए इसकी जरूरत भी अन्य आवश्यक तत्वों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. प्रोटीन ब्लड क्लॉटिंग, फ्लूड बैलेंस, इम्यून सिस्टम, आंखों की रोशनी, हार्मोन, एंजाइम, शरीर के विकास, प्रेग्नेंसी आदि कई कामों में सक्रिय भूमिका निभाता है. हालांकि विभिन्न आयुवर्ग के लोगों के लिए रोजाना प्रोटीन की अलग-अलग मात्रा की जरूरत होती है.

रोजना कितने प्रोटीन की जरूरत
1-3 साल के बच्चों के लिए 13 ग्राम
4-8 साल के बच्चों के लिए 19 ग्राम
9-13 साल के बच्चों के लिए 34 ग्राम
14 से 18 साल के किशोरों के लिए 52 ग्राम
14 से 18 साल के किशोरियों 46 ग्राम
19 साल के बाद के महिला वयस्कों के लिए 46 ग्राम
19 साल के बाद पुरुष वयस्कों के लिए 56 ग्राम
प्रोटीन की कमी से क्या होगा
प्रोटीन की कमी से मसल्स, स्किन, एंजाइम, हार्मोन सब कम बनने लगेंगे. इसलिए शरीर में कमजोरी, थकान बहुत ज्यादा होने लगेगी. यहां तक ज्यादा कमी होने पर कमजोरी इतनी बढ़ जाएगी कि अस्पताल जाने की जरूरत आ पड़ेगी. प्रोटीन की कमी से एडिमा, फैटी लिवर का क्वाशिकोर की बीमारी होने लगेगी. प्रोटीन की कमी से स्किन, बाल और नाखून टूटने लगेंगे. मसल्स मास कम होने लगेंगे. इससे हाथ-पैर में ताकत नहीं लगेगी. हमेशा हड्डियां टूटने का डर रहेगा. अगर बच्चों में प्रोटीन की कमी हो जाए तो बच्चों का शारीरिक विकास ही नहीं होगा. शारीरिक परेशानियों के अलावा मानसिक परेशानियां भी होंगी. इससे मूड स्विंग, डिप्रेशन भी होने लगेगी. इसके अलावा कहीं भी सूजन होने लगती है जो जल्दी भरती नहीं. बार-बार भूख लगती है. कोई घाव निकल जाए तो जल्दी नहीं भरता.

प्रोटीन की कमी कैसे पूरा करें
हालांकि हर तरह के भोजन में प्रोटीन की मौजूदगी होती है लेकिन कुछ फूड में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. अगर हम हेल्दी डाइट लेंगे तो इससे हमें प्रोटीन की पूर्ति हो जाएगी. आमतौर पर सी फूड, मीट, अंडा, बींस, दालें, ड्राई फ्रूट, बीज, सोया प्रोडक्ट्स में ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, चीज, छाछा में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है. वहीं साबुत अनाज और सब्जियों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलता है. एनिमल प्रोडक्ट्स में प्लांट प्रोडक्ट्स के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन होता है.
इसे भी पढ़ें-क्या विटामिन डी की कमी से होता है कैंसर? वैज्ञानिक सुलझा रहे हैं गुत्थी, पर इस घातक बीमारी से है खास रिश्ता