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दक्षिण या उत्तर मायने नहीं रखता वे भारतीय हैं – जया बच्चन

95 वें अकादमी पुरस्कार में इस साल भारत की तेलुगू भाषा की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड जीता है। तो वहीं शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में द एलिफेंट व्हिस्परर्स ने बाजी मारी थी। ऑस्कर विजेता दोनों फिल्मों को लेकर भारत में चर्चा हो रही है। दरअसल, संसद में मंगलवार को इस विषय पर चर्चा हुई है कि किया तेलुगू फिल्म आरआरआर को दक्षिण भारतीय फिल्म या भारतीय फिल्म के रूप में लेबल किया जाना चाहिए? इस विषय पर बॉलीवुड एक्ट्रेस और राजनेता जया बच्चन ने संसद में बात की है।

दक्षिण-पश्चिम की बहस पर जया ने उठाई आवाज

जया बच्चन ने सांसद में अपनी बात रखते हुए उन लोगों को जवाब दिया है जो तमिलनाडु से आते हैं या जो अभी तक फिल्म आरआरआर और द एलिफेंट को ऑस्कर की जीत के बाद भी साउथ फिल्म के रूप में इंडिकेटर कर रहे थे। जया ने फिल्मी कला को इस देश का सबसे महत्वपूर्ण एम्बेसडर कहा है। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह उत्तर, पूर्व, दक्षिण या फिर पश्चिम कहा से आते है, वे भारतीय हैं।

जया बोलीं-वे भारतीय हैं

आरआरआर के गाने नाटू नाटू की ऑस्कर की जीत के बाद क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं ने उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत की बहस को आगे बढ़ाया है, जिसपर जया बच्चन ने अपने विचार साझा किए हैं। जया ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और मुझे बहुत खुशी है कि हम इस देश के सबसे महत्वपूर्ण एम्बेसडर के बारे में चर्चा कर रहे हैं, जो कि फिल्मी लोग हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे कहा से हैं-उत्तर, पूर्व, दक्षिण या फिर पश्चिम वे सभी भारतीय हैं। मैं यहां हमारी फिल्म बिरादरी के लिए गर्व और गरिमा के साथ खड़ी हूं, जिन्होंने कई बार इस देश को रिप्रेजेंट किया है, जिन्होंने सत्यजीत रे से लेकर कई पुरस्कार जीते हैं।

जया बच्चन ने भारतीय जनता को दी बधाई

उन्होंने आगे कहा कि मैं भी योगदान देना चाहती हीं और मैं एसएस राजामौली को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं, लेखक (केवी विजयेंद्र प्रसाद), वह महज स्क्रिप्ट राइटर नहीं है, वह कहानीकार हैं। वे इस सदन के भी सदस्य हैं और यह एक बड़ा सम्मान है। रचनात्मक दुनिया से ऐसे कई लोग हुए हैं, जिन्हें पहले भी और आज भी इस सदन में नामांकित किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और मैं भारत की जनता का धन्यवाद देना चाहती हूं, जिनकी खातिर विदेश के लोग आज हमारी जनता को पहचान रहे हैं। भारतीय जनता को बधाई, जिसके कारण पश्चिम में लोग भारतीय फिल्म निर्माताओं के महान काम को पहचान रहे हैं। सिनेमा का बाजार यहा हैं, यह अमेरिका में नहीं है।

नाटू नाटू और द एलिफेंट व्हिस्परर्स ने मारी बाजी

विदेश में 12 मार्च को(भारत में 13 मार्च) को 95 वें अकादमी पुरस्कार में भारत ने इतिहास रचा था। नाटू नाटू ने ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम किया था, और गुनीत मोंगा और कार्तिकी गोंसाल्विस की शॉर्ट फिल्म द एलिफेंट व्हिस्परर्स को ऑस्कर से नवाजा गया था। एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर से नातू नातू, एमएम कीरावानी ने कंपोज किया था।