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I (RBI )
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आरबीआई नीतिगत दरों में फिर से इजाफाI (RBI )

नई दिल्ली. नया वित्त वर्ष शुरू होने में अब अधिक समय नहीं रह गया. 2 महीने बाद हम वित्त वर्ष 2023-24 में प्रवेश कर जाएंगे. तब लोग नए सिरे से एक बार टैक्स प्लानिंग व अन्य वित्तीय फैसलों पर विचार शुरू करेंगे. हालांकि, उससे पहले ही यानी फरवरी में भी कुछ ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिनका असर आम लोगों की जेब पर पड़ सकता है. साथ ही इसी बीच RBI (RBI ) की MPC बैठक भी होगी जहां नीतिगत दरों में बदलाव का असर भी आपके पर्सनल फाइनेंस पर दिखेगा.

इनको लेकर आपको अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. अगले महीने में 5 ऐसे बड़े बदलाव होने जा रहे हैं जिस पर अधिकांश लोगों का नजर रखना जरूरी है. आइए देखते हैं कौन से हैं ये बदलाव.

MPC की बैठक
8 फरवरी को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का फैसला आएगा. इसमें संभवत: नीतिगत दरों में 25-35 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. गौरतलब है कि पिछले साल एमपीसी ने नीतिगत दरों में 225 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया. 100 बेसिस पॉइंट का मतलब 1 फीसदी होता है. एक और बढ़ोतरी के बाद फिर से लोन महंगे हो जाएंगे.

T+2 रिडेंप्शन साइकल
27 जनवरी से स्टॉक में T+1 सेटलमेंट साइकल लागू हो गई थी. यानी शेयरों की खरीद-बिक्री अब अगले ही दिन ही आपके डीमेट अकाउंट में दिखने लगेगी. इससे जुड़े म्यूचुअल फंड्स जो अब T+3 रिडेंप्शन साइकल का अनुसरण कर रहे थे, वह अब T+2 रिडेंप्शन साइकल पर आ जाएंगे.

कैनरा बैंक सर्विस चार्ज
13 फरवरी से कैनरा बैंक अपने डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर सर्विस फीस बढ़ा देगा. क्लासिक डेबिट कार्ड के लिए सालाना फीस 125 रुपये से बढ़कर 200 रुपये हो जाएगी. प्लेटिनम डेबिट कार्ड के लिए ये 500 रुपये और बिजनेस डेबिट कार्ड के लिए 300 रुपये हो जाएगी. कार्ड रिप्लेसमेंट के लिए भी शुल्क को 50 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया गया है.
एचडीएफसी बैंक ने अपने मिलेनिया डेबिट कार्ड के लिए रिवॉर्ड रिडेंप्शन की शर्तों को बदल दिया है. ये बदलाव 1 फरवरी से लागू हो जाएगा. ग्राहक अब प्रोडक्ट की कीमत का 70 फीसदी रिडिम कर सकते हैं और बाकी अमाउंट क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना होगा. कैशबैक के लिए आप हर महीने केवल 3000 रिवॉर्ड पॉइंट्स को ही रिडीम कर सकेंगे.

बेशक ये वित्त वर्ष शुरू होने में अभी 2 महीने हैं लेकिन आपको टैक्स प्लानिंग अभी से शुरू कर देनी चाहिए. टैक्स में बचत के लिए आप फरवरी से ही विभिन्न योजनाओं में निवेश शुरू कर सकते हैं. मसलन, PPF, NPS, SSY, ELSS या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम आदि.