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राज्यसभा चुनाव : भाजपा की जीत पक्की, राजस्थान की चारों सीटों पर मतदान शुरू

जयपुर। प्रदेश में चार राज्यसभा सीटों के लिए शनिवार सुबह 9 बजे वोटिंग शुरू हो गई है । मौजूदा हालात व संख्या बल को देखते हुए भाजपा की सभी चारों सीटों पर जीत तय है। शाम पांच बजे से मतगणना शुरू होगी। शाम चार बजे तक मतदान होगा, पांच बजे से मतगणना होगी। तीन दिन तक चली बाड़ाबंदी का नतीजा आज ….

-बीजेपी की कवायद का नतीजा शनिवार सुबह सामने आया, अब राजपा के चारों विधायक भी भाजपा के पक्ष में वोट कर सकते हैं।
– कांग्रेस विधायक अपने सभी वोट डाल चुके हैं। पहला वोट नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने डाला था। इसके बाद सभी विधायकों ने लाइन में लगकर वोट डाला।
– पूर्व सीएम अशोक गहलोत, डूडी, प्रतिपक्ष के सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा, वरिष्ठ विधायक प्रघ्म्न सिंह भी साथ थे।
– भाजपा के विधायकों की पहली बस को लेकर पार्टी अध्यक्ष अशोक परनामी विधानसभा परिसर में पहुंच गए। दूसरी बस में बैठे विधायकों का नेतृत्व मंत्री यूनुस खान कर रहे थे। सीएम वसुंधरा राजे सहित सभी विधायक वोट डालने आ गए हैं।
– अब उन्होंने भी वोट डालना शुरू कर दिया है। भाजपा के सभी नेताओं ने भी चारों सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की जीत पक्की बताई है।

ये हैं पांच प्रत्याशी

– भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू समेत ओमप्रकाश माथुर, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्द्धन सिंह डूंगरपुर को प्रत्याशी बनाया गया है।
– जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उद्योगपति कमल मोरारका मैदान में हैं।
– मोरारका को कांग्रेस ने समर्थन की घोषणा की थी, उसके आधार पर उन्हें वोट दिया है। इसके अलावा तीन निर्दलीय समेत बसपा ने भी मोरारका को समर्थन किया है।

– अब जो भ्री स्थिति सामने आ रही है उससे राजस्थान की चारों सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्वित मानी जा रही है।
– उधर, बसपा के जेल में बंद विधायक बीएल कुशवाह को कोर्ट ने मतदान करने से इनकार कर दिया है।

– अभी तक छत्तीस के आंकड़े को आगे बढ़ाकर न्यूनतम 41 तक ले जाने की उम्मीद में तीन और नंबरों की कमी आ गई है।
– कोर्ट ने कुशवाह की वोट डालने संबंधी याचिका को शुक्रवार सुबह खारिज कर दिया था।
– दूसरी ओर जमीदारा पार्टी की विधायक कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी भी अब भाजपा के खेमे में आ ही गई थीं।

अब बदला आंकड़ा, चाहिए केवल 40 विधायकों के वोट

– प्रत्येक प्रत्याशी को जीत के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए था, जो अब बदल कर 40 हो गया है।
– यह बदलाव वोट देने वाले विधायकों की संख्या में एक की कमी आने से हुआ है।
– अब चूंकि 200 में से केवल 199 विधायक ही वोट दे सकेंगे, ऐसे में तकनीकी रूप से प्रत्येक प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 40 विधायकों के वोट ही जरूरी होंगे।
– ऐसी स्थिति में भाजपा के चारों प्रत्याशी अपनी ही पार्टी के विधायकों से जीत सकते हैं, बशर्ते कि किसी भी विधायक का वोट रिजेक्ट नहीं हो।
– जबकि भाजपा के पास पहले से तीन निर्दलीय और दो जमीदारां पार्टी के विधायकों का समर्थन है।
– जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक अब भाजपा विधायकों के साथ बाड़ाबंदी में ही हैं।
– जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को सीएम ने मंच पर बैठाकर बताया कि वे दोनों भाजपा के लिए इस समय कितनी अहम हैं।
– भाजपा को उम्मीद है कि जिन विधायकों से वह संपर्क में है, उनमें से भी कुछ और मतदान के दिन तक साथ आ जाएंगे।
– ऐसे में अब कांग्रेस की गणित बिगाड़ने की उम्मीद का धराशायी होना तय सा हो गया है।

आखिर क्यों आई जमीदारा भाजपा के साथ

– पिछले दिनों पार्टी के प्रमुख बी.डी. अग्रवाल के खिलाफ छापे की कार्रवाई के बाद से चर्चा चल रही थी कि सरकार उन पर दबाव बना रही है।
– ऐसे में माना जा रहा था कि इसी दबाव के चलते उनकी पार्टी की दोनों विधायकों को भाजपा का साथ देना पड़ेगा।
– जानकारों का कहना है कि अंदरखाने क्या हुआ, यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता, लेकिन दोनों का भाजपा के साथ आने को इसी कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है।

कांग्रेस ने जारी किया व्हिप, केवल एकजुटता दिखाने की कवायद
– पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस ने गुरुवार शाम विधायक दल की बैठक की।

– इस बैठक में कांग्रेस कमल मोरारका का साथ देने और उन्हें जिताने के लिए रणनीति बनाने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही दो और विधायकों का साथ छोड़ जाने की खबर आ गई।
– राज्यसभा प्रत्याशी निर्दलीय मोरारका के पास कांग्रेस के 24, तीन निर्दलीय, राजपा के चार बसपा के 3 सहित जमीदारा पार्टी के दो विधायकों का समर्थन बताया जा रहा था।
– यानी कुल 36 विधायकों के समर्थन के साथ मोरारका टक्कर देने की स्थिति बना रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा के अलावा अन्य कुछ और विधायकों को साथ ले आएंगे।
– अब जमीदारा के अलग होने से यह दिखाई देने और कुशवाह को अनुमति नहीं मिलने से आंकड़ा भी 33 ही रह गया।

– अब शनिवार सुबह से जो अटकलें सामने आ रही हैं, उसके बाद राजपा के चारों विधायकों की स्थिति भी स्पष्ट नहीं हो पा रही।
– राजपा के डॉॅ किरोड़ीलाल मीणा सहित चारों विधायक वोट डालने नहीं पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि या तो वे भाजपा के पक्ष में वोट डाल सकते हैं या वोट डालने नहीं पहुंचें।
– दोनों ही स्थितियों में भाजपा के प्रत्याशियों की स्थिति और मजबूत हो रही है।