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देखें PHOTO, गंगा दशहरा पर काशी में हजारों भक्तों ने लगाई आस्‍था की डुबकी

वाराणसी. धर्म नगरी काशी में मंगलवार को गंगा दशहरा के पावन मौके पर मां हजारों की संख्‍या में भक्‍तों ने गंगा में डुबकी लगाई। माना जाता है कि इस दिन गंगा में 10 डुबकियां लगाने से मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं। आगे पढ़िए क्‍यों मनाया जाता है गंगा दशहरा
-ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण हुआ था, जिसे गंगा दशहरा के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
-मान्‍यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान से सभी पापों का क्षय होता है और अक्षय पुण्य की प्रप्ति होती है।
-काशी में 7 किमी लंबी घाटों की श्रृंखला पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी थी।
-तीर्थ पुरोहित पं. कमला मिश्रा ने बताया कि गंगा स्नान के बाद भगवान सूर्य नारायण को जल अर्घ्‍य और फिर गंगा जल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने से जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है।
-महादेव और उनकी जटा से निकली मां गंगा को काशी अति प्रिय है।
-गंगा में आज के दिन 10 पीले पुष्प, 10 फल, दीपक, नैवैद्यम अर्पित किए जाते हैं।
-पं. वीरेंदर चौबे ने बताया कि काला तिल, छाता, चावल, मिष्‍ठान का दान करना चाहिए।
-जिन लोगों को पारिवारिक विद्वेष झेलना पड़ता है, वो गंगा में खड़े होकर 11 फेरी कर मां से सफल जीवन की कामना करें।
-जिनके घरों में कोई लंबी बीमारी से जूझ रहा हो तो वह स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित कर ठीक होने की कामना करे।