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(wrestlers)
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सरकार ने मान ली प्रदर्शनकारी पहलवानों (wrestlers)की ये शर्तें

नई दिल्ली. चार दिनों में दो मीटिंग- एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एक ‘फॉलो-अप’ खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ- और तत्काल गिरफ्तारी के बजाय चार्जशीट का वादा… इस तरह सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों  (wrestlers) को फिलहाल के लिए ‘समझौते’ पर राजी कर लिया.

सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि प्रदर्शकारी पहलवानों को यह बताया गया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी पर सरकार नहीं बल्कि जांचकर्ताओं द्वारा फैसला लिया जाएगा और इसके बजाय अभी ‘प्राथमिकता’ जांच को पूरा करने की है.

हालांकि पहलवान अपना विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए इस शर्त पर अड़े रहे कि बृजभूषण सिंह को पहले गिरफ्तार किया जाए. , हालांकि वे सरकार द्वारा पेश विकल्प पर राजी हो गए और गिरफ्तारी की मांग को छोड़ दिया. सरकार ने उनसे वादा किया है कि 15 जून तक इस मामले में चार्जशीट दायर की जाएगी और फिर अदालत इस पर विचार करेगी.

‘कानून को अपना काम करने दें’
इससे पहले पिछले शनिवार को, जब पहलवानों की गृहमंत्री अमित शाह के साथ देर रात मुलाकात हुई थी, तो WFI प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर गृह मंत्री ने साफ शब्दों में कहा था कि ‘इस मामले में कानून को अपना काम करने दें’. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों की दूसरी मांगों को भी सुना. इसके बाद खेल मंत्री ने बुधवार को पहलवानों के साथ एक और बैठक की, जिसमें समझौते के फॉर्मूले पर काम किया गया.

सरकार से जुड़े सूत्र ने News18 को बताया, ‘पहलवानों से कहा गया कि 15 जून तक चार्जशीट दाखिल होने दें और फिर अदालत इस पर विचार करेगी और आगे के कदम तय करेगी. वहीं शिकायतकर्ता भी अपना मामला अदालत के सामने रख सकते हैं.’

इसके साथ ही 30 जून तक रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) का चुनाव कराने और इस चुनाव प्रक्रिया में बृजभूषण सिंह के परिवार के सदस्यों या करीबी सहयोगियों को शामिल होने की अनुमति नहीं देने जैसे पहनवानों की अधिकाश मांगों को मांग लिया गया और इस तरह प्रदर्शनकारी पहलवान अपना विरोध प्रदर्शन खत्म करने को राजी हो गए.

दरअसल पहलवानों द्वारा व्यक्त की गई एक चिंता यह थी कि बृजभूषण सिंह लगातार तीन कार्यकालों की सेवा के बाद परिवार के किसी अन्य सदस्य या करीबी सहयोगी को अगले अध्यक्ष के रूप में पेश कर सकते हैं. सरकार WFI के भीतर एक आंतरिक शिकायत समिति गठित करने पर भी सहमत हुई, जिसकी अध्यक्षता एक महिला करेगी और महिला पहलवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. इसके साथ ही पहलवानों और अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने पर भी सरकार सहमत हो गई है.

बृजभूषण सिंह के खिलाफ चार्जशीट का इंतजार करते हुए पहलवान 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करने पर सहमत हो गए हैं. हालांकि इसमें बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि दिल्ली पुलिस बीजेपी सांसद के खिलाफ क्या आरोप लगाती है और क्या चार्जशीट में POCSO के आरोप बने रहेंगे या नहीं.