Breaking News
( employment)
( employment)

कबाड़ियों से मदद और महिलाओं को रोजगार( employment)

नोएडा: सिगरेट के डिब्बी पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. लेकिन शायद ही आपको पता होगा कि सिगरेट पीने के बाद जिस बचे हुए टुकड़े को लोग फेंक देते हैं, वो हमारे पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक होता है. हालांकि उस बचे हुए टुकड़ों को यदि सही से निस्तारण किया जाए तो यह बड़े काम की चीज हो जाता है. दरअसल ये बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. इसे साबित कर रहे हैं नोएडा के रहने वाले नमन गुप्ता. जो सिगरेट की बट को रिसाइकल करके सॉफ्ट टॉय ( employment) और खाद बनाते हैं, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके. कैसे करते हैं इस पूरी प्रक्रिया को चलिए समझते हैं

नमन गुप्ता बताते हैं कि इस काम को उन्होंने साल 2018 में शुरू किया था. नमन बताते हैं कि पहले तो सिगरेट के ऊपर रिसर्च करना शुरू किया जिसके बाद पता चला कि सिगरेट के बट बहुत खतरनाक होते हैं. एक बट पूरी तरह से नष्ट होने में करीब 12 साल का समय लेता है. ऐसे में इसे रिसाइकल करने की ठानी. रिसाइकल करने के लिए जरुरी था बट का होना, लिहाजा सबसे पहले इसे पहले इकठ्ठा करना शुरू किया.

तीन चरण में होता है काम
नमन गुप्ता बताते हैं कि सिगरेट के बट को इकठ्ठा करने के लिए देशभर में फैले कबाड़ियों से संपर्क किया वो सिगरेट के बट को इकठ्ठा करके नोएडा पहुंचाते हैं. उसके बाद हम उससे तीन टुकड़ों में अलग करते हैं. जैसे सिगरेट में बचे तंबाकू, पेपर और उसमें लगे फाइबर को अलग कर देते हैं. उसके बाद तंबाकू को खाद के रूप में, उसके पेपर को रिसाइकल करके दूसरा पेपर और फाइबर को प्रोसेस करके रूई बनाते हैं. वहीं एक बार जब रुई तैयार हो जाती है तो उससे फिर सॉफ्ट टॉय और अन्य चीजे बनाते हैं. जिसे हम ऑनलाइन साइट या कंपनी से संपर्क करके बेचते हैं. सभी सॉफ्ट टॉय के आकार के अनुसार उसके दाम होते हैं.
स्थानीय महिलाओं को देते हैं रोजगार
नमन बताते हैं कि ये सारा प्रोसेस नोएडा के सेक्टर-132 में ही हम करते हैं. हम स्थानीय महिलाओं को रोजगार देते हैं. हम सब सामान महिलाओं के घर भेज देते हैं, वो घर में ही सारी चीजे बनाती हैं. उसके बाद उनको कैश में भुगतान करते हैं. साथ ही साथ नमन बताते हैं कि यदि कोई हमसे संपर्क करना चाहता है तो वो 09205423004 पर संपर्क कर सकता है.

वहीं सिगरेट के बट को रिसाइकल करने वाली छाया बताती हैं कि वो करीब पांच साल से नमन गुप्ता के साथ काम कर रही हैं. वो बताती है कि रोज मैं अपने घर में काम करती हूं. जितना सामान हम बनाते हैं उतने का हमें पैसा मिल जाता है. घर बैठे सारा काम होता है तो कोई दिक्कत भी नहीं होती