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प्रसव कराने के लिये आशा ने झटके साढे चार हजार रूपये एम्बुलेंस में ही प्रसूता ने दिया बच्ची को जन्म

किशनी – सरकार आम जनता की सुरक्षा और सुबिधाओं के लिये लगातार प्रयासरत है। वहीं सरकारी कमर्चारी सरकारी सुबिधाओं को पलीता लगाते हुये आम जनता को दोहन कर रहे है। सभी को स्वास्थ्य का अधिकार देते हुये जहां सरकार लोगों को 102 तथा 108 एम्बुलेंस की सुबिधा निशुल्क दे रही है साथ ही प्रसूताओं के लिये चैबीसों घंटे डाक्टरों की टीम निशुल्क तैयार रहती है वहीं कुछ भृष्ट कमर्चारी आपदा में अवसर तलाश कर सरकारी सुबिधाओं से आमलोगों को बंचित करदेते हैं। मामला सीएचसी किशनी का है जहां एक पीडित ने एक अपने क्षेत्र की आशा की शिकायत चिकित्सा अधीक्षक डा0 अजय भदौरिया से की है। पीडित राजेश कुमार पुत्र कुंअरपाल निवासी गोपालपुर कुम्हौल ने बताया कि पांच जून करीब साढे नौ बजे उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्होंने अपने क्षेत्र की आशा गुड्डन जो पास के गांव फतेहपुर की निवासी है और मैनपुरी में रह कर स्वास्थ्य विभाग को अपने सेवायें देती है को फोन पर सूचना दी। आशा ने कहा कि वह लोग अपनी तैयारी रखें वह मैनपुरी से किशनी पहुंच रही है।

इसके बाद राजेश अपनी पत्नी को एम्बुलेंस द्वारा सीएचसी किशनी लेआये जहां उक्त आशा भी मिल गई। वकौल राजेश सीएचसी पर मौजूद स्टाफ ने उनकी पत्नी का प्रसव कराने का प्रयास किया पर कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद प्रसूता को सैंफई रैफर कर दिया गया। सैंफई जाने से पहले आशा ने उनसे साढे चार हजार रूपये की मांग की जो राजेश ने तुरन्त ही आशा को दे दिये। एम्बुलेंस से प्रसूता के परिजन तथा आशा भी गये। पीडित ने बताया कि जैसे ही एम्बुलेंस सैंफई अस्पताल के प्रांगण में पहुंची एम्बुलेंस में ही प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म देदिया। इस कायर् में बच्चा जनने से लेकर साफसफाई का कायर् उनकी भाभी ने किया। बच्ची के पैदा होने के बाद आशा अस्पताल गई और दो नसोर्ं को अपने साथ लेआई जिन्होंने बच्ची का नाडा काट दिया और जच्चा और बच्चा को घर लेजाने को कह दिया। आशा ने कहा कि उस ओर से तो वह लोग एम्बुलंेस से निशुल्क आ गये। पर अब सीएचसी तक जाने के लिये उनको पन्द्रह सौ रूपये देने होंगे।

मजबूरी में उन्होंने हां करदी और आशा ने पन्द्रह सौ रूपये एम्बुलेंस चालक के हाथों मं पकडा दिये। बचे तीन हजार रूपये जब राजेश ने आशा से मांगे तो आशा ने कहा कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है क्यिोंकि उसने तीन हजार रूपये सैंफई नसोंर् को दे दिये हैं जिन्होंने नाडा काटा था। राजेश का कहना है कि आशा ने उनके सामने किसी भी नसर् को कुछ भी नहीं दिया। बुधवार को राजेश सीएचसी आया और उसने एक प्राथर्नापत्र सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा0 अजय भदौरिया को देकर न्याय की मांग की। गौरतलब है कि आशाओं की पहले भी कई शिकायतें मिलती रहीं है कि मोटे कमीशन के लालच में वह ग्रामीण आंचलों से प्रसव के लिये आई प्रसूताओं के परिजनों को बरगलाकर निजी अस्पतालों में लेजाकर प्रसव करा देतीं हैं। जबकि सीएचसी में प्रसव से सम्बन्धित लगभग हर सुबिधा उपलब्ध है।

डा0 अजय भदौरिया ने बताया कि उनके पास राजेश नाम का युवक शिकायत लेकर आया था। शिकायत मिलते ही तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच का आदेश दे दिया गया है। दोषी पाये जाने पर आवश्यक कायर्वाही की जायेगी। उनका कहना है कि स्वास्थ्य बिभाग के किसी भी कमर्चारी के खिलाफ यदि पैसे लेने की शिकायत मिलेगी तो वह जांच कर सख्त कायर्वाही करेंगे।