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सोनिया-राहुल-मनमोहन ने दी गिरफ्तारी, कुछ वक्त थाने में रहे : सरकार विरोधी रैली

नई दिल्ली.सोनिया और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शुक्रवार को जंतर-मंतर से पार्लियामेंट तक ‘लोकतंत्र बचाओ मार्च’ निकाला। स्पीच के बाद राहुल, सोनिया, मनमोहन, एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद ने गिरफ्तारी दी। उन्हें संसद मार्ग थाने ले जाया गया। हालांकि, कुछ ही देर में वो थाने से बाहर आए और संसद के लिए रवाना हो गए। सोनिया और राहुल क्या बोले….
क्यों हुई गिरफ्तारी?
पार्लियामेंट स्ट्रीट इलाके में धारा 144 लगी है। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को मार्च निकालने से रोका था। लेकिन कांग्रेस नेता नहीं माने और थाने पहुंचकर गिरफ्तारी दी।
– हालांकि, सोनिया और राहुल कुछ ही देर में बाहर आ गए और अपनी गाड़ी से संसद के लिए रवाना हो गए।
– लोकसभा और राज्यसभा के तकरीबन सभी कांग्रेस सांसदों इस मार्च में शामिल हुए।
– खास बात ये रही कि कांग्रेस नेताओं ने जिस रास्ते से मार्च निकाला, वहां पर सोनिया के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के भी पोस्टर लगाए गए थे।
सोनिया के भाषण में क्या अहम बातें?
– मैं कहना चाहती हूं कि लोकतंत्र को नष्ट करने की चाहें जितनी भी कोशिश आप कर लें लेकिन हम आपके खतरनाक इरादें पूरे नहीं हो देंगे।
– हमें डराने, बदनाम करने की कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन हम झुकने वाले नहीं है, मुझे तो जिंदगी न संघर्ष करना ही सिखाया है।
– उन्हें मालूम ही नहीं कि कांग्रेस के लोग किस मिट्टी से बने हैं, राष्ट्रविरोधी ताकतों से लड़ना हमारे लिए नई बात नहीं है, भाईचारे को खत्म करने वालों के खिलाफ किस तरह लड़ना है यह हम जानते हैं।
– हम किसी भी तरह की कुर्बानी देने से पीछे हटने वाले नहीं है, पिछले 60-70 साल में कांग्रेस ने लोकतंत्र को मजबूती देने वाली संस्थाओं का निर्माण किया, हर वर्ग के व्यक्ति को संपन्न बनाने के लिए कदम उठाए।
– राज्यों की कांग्रेस सरकारें गिराने का काम कर रहे हैं, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई उत्तराखंड और उत्तरांचल सरकारों को गिरा कर लोकतंत्र की हत्या की है।
– उत्तराखंड में जंगल चल रहे हैं लेकिन वहां कुछ नहीं हो रहा है क्योंकि वहां कोई सरकार नहीं है
– कांग्रेस ने देश भर में पंचायत राज को मजबूत बनाया लेकिन यह इस कानून में ऐसे बदलाव ला रहे हैं जिससे दलित, आदिवासियों, पिछडो और औरतों को चुनाव लड़ने से दूर किया जा रहा है।
– समाज को बांटा जा रहा है, स्टूडेंट्स पर जुर्म हो रहे हैं।
– पलक झपकते ही ये मोदी सरकार किसी को भी देशद्रोही घोषित कर देती है।
– नागपुर के इशारे पर चल रही है मोदी सरकार।
– इनके दिन पूरे हो गए हैं क्योंकि लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।
– अफवाहें फैलाकर लोगों को बहकाने का खेल इनका काफी पुराना है। कांग्रेस को कमजोर समझने की गलती न करें। संसद और सड़क पर लोहा लेंगे।
– कांग्रेसजनों से अपील है कि वे मार्च के बाद देश के कोने-कोने में जाएं और मोदी सरकार का चेहरा बेनकाब करें।
राहुल ने अपने भाषण में क्या अहम बातें कहीं?
– मोदी जी ने कहा युवाओं को रोजगार देंगे, मेक इन इंडिया का नारा दिया गया। पीएम ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात कही लेकिन पिछले साल 1.3 लाख लोगों को ही रोजगार मिल पाया।
– कांग्रेस पार्टी की चुनी हुई सरकारें गिराई गईं। हरियाणा में अगर कोई दसवीं पास नहीं है तो उसे पंचायत चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, ये कहकर लाखों दलितों केलिए लोकतंत्र का रास्ता बंद किया जा रहा है
– देश में सिर्फ मोदी-भागवत की चलती है। इनके खिलाफ जो भी खड़ा होता है उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए जाते हैं।
– ये सबका देश है किसी एक व्यक्ति का देश नहीं है, हम गरीब-दलित-मजदूरों के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे।
मनमोहन सिंह के भाषण की खास बातें
– मोदी सरकार का एक ही नारा था कांग्रेस मुक्त भारत, जहां कहीं जाते हैं इस सिलसिले में कदम उठाते हैं लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि कांग्रेस तो भारत की आत्मा है, कांग्रेस पर 1885 से लेकर अब तक हमले किए, कमजोर करने की कोशिश की लेकिन वो इसमें नाकाम रहे
– डॉ.इकबाल की याद आ रही है उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि हिंदुस्तान पर कई हमले हुए लेकिन वह मिटा नहीं। यूनान, मिस्र,रोमां सब मिट गए जहां से, अब तक मगर है बाकी नामों निशां हमारा। कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा।
– कांग्रेस अब बहुत से प्रदेशों में सत्ता में नहीं है। जहां कांग्रेस की सरकारें थी सत्ता में वहां कांग्रेस की सरकारें गिरा कर मोदी जी ने डेमोक्रेसी पर बड़ा हमला किया है, अब मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और हिमाचल की सरकारों को तोड़ने के लिए साजिशें हो रही हैं।
– जो मंसूबे मोदी सरकार ने बना रखे हैं उसे नाकाम बनाने के लिए सोनिया जी, राहुल जी और उनके साथियों की मदद करें।
पिछले साल भी निकाला था मार्च
– ये दूसरा मौका है जब कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रही है।
– पिछले साल भी सोनिया की लीडरशिप में विपक्ष ने राष्ट्रपति भवन तक भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में मार्च निकाला था।
-1998 में कांग्रेस चीफ का पद संभालने के बाद एनडीए सरकार के खिलाफ सोनिया के नेतृत्व में कांग्रस का पहला मार्च बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर निकाला गया था।
एनडीए सांसद भी बैठे धरने पर
एक तरफ कांग्रेस मार्च निकाल रही है तो दूसरी ओर एनडीए सांसद संसद भवन परिसर में धरने पर बैठ गए हैं।
– इन सांसदों का कहना है कि कांग्रेसी नेताओं ने अगर गलती नहीं की है तो वो डर क्यों रहे हैं।
– चिराग पासवान ने कहा- ये लड़ाई करप्शन के खिलाफ है।