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फिल्म में किसी पार्टी नहीं, बालाजी प्रोडक्शन का पैसा, ‘उड़ता पंजाब’ के डायरेक्टर बोले

रांची.बीते दिनों विवादों में घिरी रही फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ शुक्रवार को रिलीज हुई। झारखंड के लिए इस फिल्म की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि इसके डायरेक्टर अभिषेक चौबे यहीं के रहने वाले हैं। उनकी स्कूलिंग रांची के सेंट जेवियर्स स्कूल में हुई है। अभिषेक के मुताबिक, ‘एक फिल्म से कई लोग जुड़े होते हैं। सबकी अपनी पॉलिटिकल सोच होती है। इसका मतलब ये नहीं कि उसमें किसी पार्टी का पैसा लगा होगा।’ ‘उड़ता झारखंड’ बनाने पर बोले- ‘उड़ता झारखंड नहीं, महकता झारखंड जरूर बनाऊंगा।अभिषेक ने अपने बचपन, सेंसरशिप, फिल्म में केजरीवाल के पैसे जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की। कहा जा रहा है कि इसमें केजरीवाल का पैसा लगा है?
जवाब-इसमें कोई सच्चाई नहीं है। जब फिल्म बनती है तो उसमें 250-300 लोग जुड़े होते हैं, लेकिन 30-40 लोग ही इंपोर्टेंट होते हैं, चाहे उसे प्रोड्यूसर मान लें, डायरेक्टर कहें, राइटर या फिर कैमरामैन। सभी अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा के होते हैं। कोई आरएसएस का होता है, कोई कांग्रेस। कोई लेफ्ट का होता है। मेरी यूनिट के कितने लोग हैं, जिन्होंने बीजेपी को सपोर्ट किया है, कितने लोगों ने आप पार्टी को सपोर्ट किया है, इसका मतलब यह नहीं कि हमने फंडिंग वहां से ली है। सारी फंडिंग बालाजी (एकता कपूर का प्रोडक्शन) से आई है।
सवाल- आज आप कामयाब डायरेक्टर के तौर पर जाने जाते हैं, रांची आज भी याद आती है?
जवाब-मैं रांची में 1987 से 1993 तक रहा हूं। मेरे बचपन का सबसे अच्छा समय रांची में बीता। मैंने सेंट जेवियर्स स्कूल से 10th पास किया। मैं जब रांची आया था, तो मेरी उम्र 10 साल थी, यहां से गया तो 16 साल का था। जीवन का सबसे इंपॉर्टेंट समय रांची में ही बीता। मैं पैदा हुआ हूं फैजाबाद में। लखनऊ में रहा, रांची आने से पहले पटना में था। हैदराबाद में पढ़ाई की है, दिल्ली में भी पढ़ा हूं, पिछले 15-16 सालों से मुंबई में हूं, लेकिन यदि यह कहूंगा कि मेरा घर कहीं है, तो वह शहर रांची ही होगा।