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पंखे से लटकी मिली बॉडी, डिप्रेशन से जूझ रहे थे, 28 दिन पहले तक अरुणाचल के CM रहे 47 साल के कलिखो पुल की मौत

ईटाननगर.अरुणाचल के पूर्व सीएम कलिखोपुल (47) की मौत हो गई। मंगलवार को उनकी बॉडी सीएम हाउस में पंखे से लटकी मिली। बता दें कि 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुल को सीएम की पोस्ट छोड़नी पड़ी थी। हालांकि, वे सीएम हाउस में ही रह रहे थे। माना जा रहा है कि सीएम की कुर्सी जाने के बाद से ही वे डिप्रेशन में थे। कौन थे पुल..
– पिछले साल दिसंबर में नबाम तुकी सरकार से बगावत करके कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा अलग हो गया। पुल इसकी अगुवाई कर रहे थे। अरुणाचल विधानसभा में 60 सदस्य हैं।
– 26 जनवरी 2016 को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। पुल को बीजेपी का सपोर्ट मिला। उनके साथ कांग्रेस के 19 बागी, बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय एमएलए थे।
– 19 फरवरी को कलिखो पुल को गवर्नर ज्योति प्रसाद राजखोवा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। कलिखो राज्य के आठवें मुख्यमंत्री थे।
– 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दिया।
– कोर्ट ने 15 दिसंबर से पहले की स्थिति कायम रखने को कहा। कोर्ट के फैसले के 11 घंटे के अंदर ही पुल के हाथ से सत्ता चली गई थी।
कौन हैं कलिखो पुल?
– अंजॉ जिले के हवाई से आने वाले कलिखो मुख्यमंत्री गेगांग अपांग की सरकार (2003-2007) में फाइनेंस मिनिस्टर रहे थे।
– पांच बच्चों के पिता पुल एक बहुत छोटे से समुदाय कमान मिश्मी से आते थे। इस समुदाय में बमुश्किल 2,500 लोग ही हैं। पूर्वी अरुणाचल में अंजॉ जिला के हाउलियांग से विधायक पुल कई बार मंत्री पद संभाल चुके थे।
– पुल ने कम उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। घर चलाने के लिए बढ़ईगिरी सीखी और फर्नीचर बनाने लगे।
– वे रात में चौकीदारी भी करते थे। इसके लिए उन्हें महीने में 212 रु. मिलते थे।
– नाइट स्कूल अटेंड करने के लिए वे पान-बीड़ी बेचते थे।
– 46 साल के कलिखो 1995 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनावों में जीतते आ रहे थे।
8th क्लास में की थी सुसाइड की कोशिश
– फरवरी में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में पुल ने बताया था, ‘8th क्लास में था, तब मेरी तबीयत खराब हो गई थी। इलाज के लिए असम मेडिकल कॉलेज जाना था।’
– ‘पास में केवल 1600 रुपए थे। और पैसे जुटाने के लिए मैं दर-दर भटका।आंटी ने मुझे 2 रुपए दिए और भतीजी ने 5 रुपए।”
– ‘मैं लोहित नदी पर रस्सी का पुल क्रॉस कर रहा था। तभी मैंने नदी में छलांग लगाने की कोशिश की लेकिन कुछ लोगों ने रोक लिया।’
1995 में शुरू किया था राजनीति का सफर
– 20 जुलाई, 1969 में अंजाव जिले के वाल्ला गांव में जन्म हुआ था।
– उन्होंने लोहित जिले के इंदिरा गांधी गवर्नमेंट कॉलेज से ह्युमनिटीज में ग्रेजुएशन किया था।
– राजनीतिक सफर 1995 में शुरू किया। हयुलियांग सीट से MLA चुने गए। मुकुट मिठी सरकार में वित्त मंत्री बने।
– वे अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 13 साल तक और स्टेट इलेक्शन कमेटी के 7 साल तक मेंबर रहे।
– कलिखो पुल का रीडिंग, ट्रैवलिंग के साथ चेस, बेंडिमिंटन समेत कई तरह के खेलों में इंटरेस्ट था।
सबसे लंबे समय तक वित्त मंत्री रहे
– कलिखो पुल अरुणाचल प्रदेश के सबसे लंबे समय तक वित्त मंत्री रहे। उन्होंने गेगांग अपांग, मुकुट मिठी और दोरजी खांडू की सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला।
– वे हेल्थ-फाइनेंस एंड प्लानिंग, आरडब्ल्यूडी, टेक्सेशन, फिशरीज-लॉ एंड जस्टिस और वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट, सोशल जस्टिस, इंपॉवरमेंट एंड ट्राइबल अफेयर्स डिपार्टमेंट में कैबिनेट मिनिस्टर रहे।
– पुल को सोशल वर्क खासतौर पर गरीबों की मदद करने में काफी रुचि थी।