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दुनिया का तीसरा मामला, PAK-जर्मनी के बाद अब भारत में जन्मी ऐसी बच्ची

मुंबई.महाराष्ट्र में महिला ने बेहद दुर्लभ बच्ची को जन्म दिया है। भारत में यह अपनी तरह का पहला केस है। नागपुर के डॉक्टरों का दावा है कि अब तक दुनिया में इस बीमारी से पीड़ित ये तीसरा बेबी है। पहले दो जर्मनी और पाकिस्तान में जन्मे थे। ये बीमारी तीन लाख बच्चों में किसी एक में देखने को मिलती है। मेडिकल लैंग्वेज में इसे ‘हैरेलक्विन इचथियसिस’ कहते हैं। डेवलप नहीं हो पाती है चमड़ी…
– शनिवार को लता मंगेशकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला की डिलीवरी हुई थी।
– डॉक्टरों ने जब बच्ची को देखा तो वे हैरान रह गए। इंफेक्शन के डर से बच्ची को क्रिटिकल केयर में रखा है।
– इसमें नवजात की बॉडी पर बाहरी चमड़ी न के बराबर होती है। फिलहाल बच्ची का जन्म 1.28 किलोग्राम है।
– डॉक्टरों का दावा है कि इससे मिलते-जुलते केस दुनियाभर में सामने आए हैं, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉ. अविनाश बनैत ने कहा कि जीन्स में म्यूटेशन की वजह से बच्चों में ये पैदाइशी बीमारी हो सकती है।
– यह एक बेहद दुर्लभ किस्म की जेनेटिक बीमारी है। जिससे पीड़ित बच्चों की चमड़ी की बाहरी परत यानी ‘स्ट्रेटम कॉर्नियम’ मोटी हो जाती है।
– बच्चों के शरीर की चमड़ी मोटी सफेद प्लेटों में बंट जाती है, जिसमें कई गहरी दरारें होती हैं।
– शरीर की चमड़ी एक ‘कवच’ का रूप ले लेती है। यहां तक की आंख, कान, प्राइवेट पार्ट और बाहरी हिस्से भी सिकुड़ जाते हैं।