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झारखंड HC के चीफ जस्टिस बोले- तो क्या रिश्ता तोड़ दूं ? मेरा भी पत्नी से झगड़ा होता है

रांची.सात साल से अलग रह रहे पति-पत्नी को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को मिला दिया। इस कपल का विवाद हाईकोर्ट पहुंचा तो चीफ जस्टिस ने दोनों को कोर्ट बुलाया। शादी के बंधन की अहमियत बताई। चीफ जस्टिस ने कहा- मेरा भी पत्नी से झगड़ा होता है। तो क्या रिश्ता तोड़ दूं? चीफ जस्टिस की बात सुनते ही दोनों पति-पत्नी साथ रहने को मान गए। पिता ने भी बेटी को पति के साथ ससुराल जाने को कहा और कोर्ट से ही उनकी विदाई कर दी। क्या है मामला…
-मामला धनबाद के चिरकुंडा का है। बबन सरखेल की शादी 2008 में प्रियंका सरखेल से हुई थी।
-शादी के कुछ दिन बाद ही प्रियंका यह कहते हुए मायके चली गई कि उसे ससुराल में पढ़ने का मौका नहीं दिया जा रहा। घर के लोगों का बर्ताव ठीक नहीं है। 2009 में प्रियंका ने बच्चे को जन्म दिया।
-इसके बाद बबन ने धनबाद कोर्ट में पिटीशन दायर कर पत्नी को अपने पास बुलाने की अर्जी लगाई।
-कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रियंका के ससुराल जाने का आदेश दिया। लेकिन, प्रियंका ने निचली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।
-पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दोनों को हाजिर होने को कहा। शुक्रवार को दोनों कोर्ट में पेश हुए।
35 मिनट तक काउंसलिंग करते रहे चीफ जस्टिस
-चीफ जस्टिस ने करीब 35 मिनट तक दोनों की काउंसिलिंग की। उन्होंने कहा- शादी एक पवित्र और मजबूत बंधन है। इसे एक झटके में नहीं तोड़ना चाहिए।
-चीफ जस्टिस ने बताया, पति-पत्नी के बीच होने वाले झगड़ों से प्यार बढ़ता है। जिस तरह तीखे मसाले खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, उसी तरह झगड़ा भी विवाह बंधन को मजबूत ही करता है।
-उनकी बातें सुन आखिरकार पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गए।