रायबरेली :पट्टा आवंटन के लिए फर्जी अपर महाधिवक्ता से फोन कराने वाले युवक को डीएम ने गिरफ्तार करा दिया। कलेक्ट्रेट के नाजिर की ओर से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डीएम को फर्जी अपर महाधिवक्ता बनकर फोन करने वाले की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई है। बछरावां थाना क्षेत्र के राघोपुर गांव का रहने वाला विजय कुमार गांव के तालाब का पट्टा कराना चाहता था। उसने यह बात लखनऊ में प्रापर्टी डीलिंग का काम करने वाले विशाल श्रीवास्तव को बताई। उसने आश्वस्त किया कि वह काम करा देगा।
विजय कुमार जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। जिला योजना की बैठक स्थगित हो जाने से जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव अपने कार्यालय में जनसुनवाई में व्यस्त थे। विजय ने लखनऊ के अपने परिचित विशाल को बताया कि डीएम ऑफिस में बैठे हैं। विशाल ने डीएम के सरकारी फोन पर डायल करके कहा-‘मैं प्रदेश सरकार का अपर महाधिवक्ता बोल रहा हूं। आपके कार्यालय में विजय कुमार नाम का व्यक्ति आया है। इसका मछली पालन के लिए तालाब आवंटन कर दीजिए।’ फर्जी अपर महाधिवक्ता बने नटवरलाल विशाल श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी से यह तक कह दिया कि अगर उसका तालाब का आवंटन आप नहीं करेंगे तो दो घंटे में आपकी कुर्सी चली जाएगी।
फोन आने के बाद डीएम पहले तो कुछ असहज हुए लेकिन उन्हें शक भी हुआ। डीएम ने कार्यालय में मौजूद विजय कुमार को आनन फानन पकड़वाकर बिठा लिया। और कोतवाल को बुला लिया। शहर कोतवाल अतुल कुमार सिंह ने विजय कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। पूछताछ में पकड़े गए विजय कुमार ने सारी बातें सच-सच बता दी। पुलिस को जांच में पता चला अपर महाअधिवक्ता ने ऐसा कोई फोन किया ही नहीं है। डीएम के आदेश पर कलेक्ट्रेट के नाजिर मनोज श्रीवास्तव की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज करके विजय कुमार को जेल भेज दिया। कोतवाल ने बताया कि फर्जी अपर महाधिवक्ता बनकर डीएम को रौब में लेने वाले विशाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लखनऊ रवाना हो गई है।