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वैश्विक प्रोपेगेंडा ग्रुप से जुड़कर किसान आंदोलन पर भारत को बदनाम कर रहीं ग्रेटा थनबर्ग

नई दिल्ली: ग्रेटा थनबर्ग ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों के प्रति समर्थन व्यक्त किया है. थनबर्ग ने ट्वीट किया, ‘हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं.’ लेकिन इस ट्वीट के पीछे की वजह और उसके पीछे छिपा मकसद हैरान करने वाला है. जिसमें ग्रेटा थनबर्ग उस वैश्विक प्रोपेगेंडा का हिस्सा बनी दिख रही हैं, जो किसान आंदोलन के नाम पर भारत को बदनाम करना चाहता है.
बीजेपी को फासीवादी पार्टी करार दिया है. जो इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि वो किसी प्रोपेगेंडा मुहिम का हिस्सा हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिए ही बताया कि भारत सरकार पर किस तरह से दबाव बनाया जा सकता है और इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर ही पूरी प्लानिंग भी साझा की है. जो बड़े प्रोपेगेंडा मुहिम से जुड़ा नजर आ रहा है. ग्रेटा ने ट्वीट में लिखा, ‘हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं.’ इसके बाद दूसरे ट्वीट के जरिए उनकी असली मंशा साफ हो गई. उन्होंने एक डॉक्यूमेंट साझा किया, जिसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई है. इस ट्वीट में पांच चरणों में दबाव बनाने की बात कही गई है.

हालांकि थोड़े समय बाद उनका दूसरा ट्वीट अनुपलब्ध बताने लगा. यानी कि उसे डिलीट कर दिया. उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट देखें.
अब बताते हैं कि आखिर उस ट्वीट में वो पांच बातें थी क्या? और किस तरह से किसान आंदोलन के नाम पर दबाव बनाए जाने की रणनीति बनी थी. ये योजना काफी पहले ही बन गई थी, यानी कि 25 जनवरी से भी पहले. देखिए क्या-क्या बातें लिखी हैं.

1- ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने पहुंचें. किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शन करने वाली तस्वीरें ई मेल करें. ये तस्वीरें 25 जनवरी तक भेजें.

2-डिजिटल स्ट्राइक: हैशटैग के साथ फोटो/वीडियो मैसेज 26 जनवरी से पहले या 26 जनवरी तक ट्विटर पर पोस्ट कर दिए जाएं.

3- 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लाने की प्लानिंग, यानी किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, हैशटैग और तस्वीरों को ट्रेंड कराने की योजना. इसके लिए तस्वीरें, वीडियो मैसेज 5 फरवरी तक भेज दिए जाएं. आखिरी दिन 6 फरवरी का होगा.

4- स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें, इससे भारतीय सरकार पर अंतरराष्‍ट्रीय दबाव बनेगा.

5- दो बड़े भारतीय व्यापारिक घरानों को कमजोर करना. जो मोदी राज में दुनिया के गरीबों का उत्पीड़न कर रहे हैं. और जमीनें, मेहनत पर कब्जा कर रहे हैं.

ग्रेटा का ये ट्वीट साफ बता रहा है कि आखिर 26 जनवरी से जो कुछ हो रहा