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(मुस्लिमों)
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मुस्लिमों को टिकट देने से क्यों कतरा रहे अखिलेश?(मुस्लिमों)

लोकसभा : यूपी में कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी गठबंधन के खिलाफ ताल ठोक रही सपा अब तक लोकसभा उम्मीदवारों की 3 सूची जारी कर चुकी है. तीनों सूचियों में उसका जोर पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यकों  (मुस्लिमों) को साधने पर रहा है. इन तीनों तबकों को सपाई नेता गर्व से PDA कहते नहीं थकते. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अपने इसी जाति कॉम्बिनेशन यानी PDA को अपना भगवान बताते हैं. अगर सपा की अब तक घोषित हुई तीनों सूचियों को देखें तो साफ नजर आता है कि उसने सारी रणनीति PDA को ध्यान में रखकर ही बनाई हैं.

PDA के जरिए जंग जीतने की कोशिश

सपा ने अपनी पहली सूची में कुल 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 1 दलित, 11 पिछड़ा, 1 मुस्लिम और 3 सामान्य जाति के उम्मीदवार थे. इसके बाद घोषित की गई दूसरी सूची में कुल 11 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए थे. उस लिस्ट में 3 दलित, 1 मुस्लिम, 6 पिछड़ा और 2 सामान्य वर्ग के प्रत्याशी थे.

4 सूची में अब 38 उम्मीदवारों को टिकट

वहीं 20 फरवरी को घोषित की गई तीसरी लिस्ट में 5 प्रत्याशियों के नाम जारी किए गए थे. इस लिस्ट में 2 पटेल, 1 मुस्लिम, 2 सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के नाम थे. चौथी सूची में सपा ने कुल 6 सीटों पर अपने कैंडिडेट घोषित किए हैं. इनमें 3 दलित, 2 पिछड़ा और 1 सामान्य जाति के उम्मीदवार हैं. इन चारों सूचियों को देखने से साफ पता चलता है कि पार्टी अब तक 4 सूची जारी कर 38 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर चुकी है, जिसमें मुस्लि