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( मां काली)
( मां काली)

2500 साल पुराना है मां काली का ये मंदिर( मां काली)

लखनऊ. नवाबों का शहर लखनऊ अपने ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है. इस शहर के धरोहर में एक ऐसा मंदिर भी शामिल है जो अपने अपार सौंदर्य और आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है. चौक स्थित बड़ी काली ( मां काली) जी मन्दिर बेहद प्राचीन मन्दिर है.यहां लक्ष्मी और नारायण के स्वरूप में बड़ी काली जी की पूजा होती है. मान्यता है कि जो भी भक्त 40 दिन आकर माता के दर्शन करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.

बड़ी काली जी मठ के व्यवस्थापक हंसानंद महाराज ने बताया है कि यह मंदिर 2500 वर्ष पुराना है. आदिगुरु शंकराचार्य भगवान जब भारत भ्रमण पर निकले थे, तो उन्होंने इस यात्रा के दौरान इस स्थान पर रुक कर साधना की थी. इस स्थान से गोमती नदी बहती थी और बगल में एक पहाड़ था, जिस पर आदिगुरु शंकराचार्य तपस्या करते थे. तपस्या के दौरान एक दिन मां काली ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि उनकी स्थापना इसी जगह पर की जाए. उसी समय आदिगुरु शंकराचार्य ने मां काली की स्थापना की थी.जो 2500 वर्ष पहले की थी जो आज भी मंदिर सुचारू रूप से चला रहा है.

माता की मूर्ति के जगह लक्ष्मी और नारायण निकले

महाराज ने बताया कि पुराने समय में जब मुग़ल शासक मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहे थे, तब यहां के पुजारी माता की मूर्ति को लेकर कुएं में कूद गए थे. जब तीन से चार दिन बाद माता की मूर्ति निकाली जा रही थी, तो काली जी की मूर्ति के बजाए लक्ष्मी और नारायण की मूर्ति बाहर निकली. उसी समय से लक्ष्मी नारायण के नाम से काली माता की पूजा होती आ रही है.

तामसिक शक्ति का प्रतीक

काली माता तामसिक शक्ति का प्रतीक मानी जाती है, जिसमें जादू, टोना, तांत्रिक और अन्य तामसिक शक्तियां शामिल होती है. महाराज ने बताया है कि जब किसी की नजर उतर जाती है या किसी के काम रुक जाते है या ऐसी किसी भी समस्या होती है, तो यहां टोटकों के द्वारा उसे ठीक किया जाता है. इससे लोगों की समस्याएं ठीक होती है,लोगों को 100 ग्राम लौंग, कपूर और नींबू लेकर आना होता है, जिससे उनकी नजर उतारी जाती है और उन्हें तत्काल लाभ मिलता है. साथ ही, जो भी व्यक्ति 7 मंगलवार या 7 शनिवार को नियमित रूप से मंदिर आता है, उसका कोई भी काम सिद्ध हो जाता है.यह मान्यता सदियों से चली आ रही है.

दर्शन से होता कल्याण

नवरात्रि में दर्शन करने से विशेष लाभ मिलता है.नवरात्रि के समय यहां मेला लगता है, जहां माता के दर्शन करने के लिए लोग दूरदराज से आते है. यहां दर्शन करने वाली एक भक्त ने कहा है कि यह माता का सच्चा दरबार है,यहां दर्शन करने से सुख का अनुभव होता है और जब से यहां पर दर्शन कर रही हू,माता ने मेरे कल्याण किया है और मेरी कुछ ऐसी मनोकामना थी जो माता ने पूर्ण करी है.

ऐसे पहुंचे मंदिर

आप अगर करना चाहते है माता रानी का दर्शन तो आना होगा बड़ी काली जी मंदिर,चौक.आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब द्वारा आसानी से पहुंच सकते.