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(पेशी के दौरान) 
(पेशी के दौरान) 

पेशी के दौरान मीडिया से बात ना करें(पेशी के दौरान) 

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को पेशी के दौरान (पेशी के दौरान)  मीडिया से बात नहीं करने का मंगलवार को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुरक्षा समस्या पैदा करता है. सिंह के अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से बात करने के बाद, विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने यह टिप्पणी की.

न्यायाधीश ने उन्हें (सिंह को) अदालत में पेश किये जाने के दौरान उनसे सवाल नहीं पूछने का मीडिया कर्मियों को निर्देश दिया. न्यायाधीश ने कहा, ‘यह भी सुरक्षा समस्या पैदा करता है.’ पत्रकारों से बातचीत में सिंह ने दावा किया, ‘ईमानदार लोग हमारे साथ हैं.’

ईडी द्वारा दायर उनकी आगे की रिमांड अर्जी पर बहस के दौरान संजय सिंह ने कोर्ट से खुद के एनकाउंट की आशंका जताई है. जांच एजेंसी का आरोप है कि आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने राज्यसभा के सदस्य सिंह के आवास पर दो बार में दो करोड़ रुपए नगद दिए थे.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने ‘आप’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद 5 अक्टूबर को पांच दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया था. विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने सिंह को 10 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया, ताकि संघीय जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर सके.

प्रवर्तन निदेशालय ने पिछली सुनवाई में अदालत के समक्ष दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मदद से दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले’ के लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का वादा किया था.

ईडी ने कहा था, “जांच से पता चला है कि सिंह ने अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा के कहने पर आईएमएफएल ब्रांड के लिए ब्रांड पंजीकरण मानदंड बढ़ाने के वास्ते 2020-21 की तत्कालीन प्रस्तावित आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के माध्यम से बदलाव कराने का आश्वासन दिया था.”
उसने कहा, “इसके बदले में, सिंह के एक सहयोगी/टीम सदस्य यानी विवेक त्यागी को अमित अरोड़ा यानी अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की व्यावसायिक कंपनी में हिस्सेदारी दी गई थी.” सिसोदिया के करीबी माने जाने वाले कारोबारी दिनेश अरोड़ा कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी था. बाद में वह सरकारी गवाह बन गया.