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(टीचर)
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ये हैं देश के पांच चर्चित टीचर(टीचर)

शिक्षक दिवस : शिक्षक  (टीचर) और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर आज 5 सितंबर को देश शिक्षक दिवस के रूप में मना रहा है. शिक्षक दिवस के मौके पर हर साल लोग अपने शिक्षकों को याद करते हैं. उन्हें मैसेज भेजकर बधाइयां देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. आज हम आपको देश के ऐसे नामी शिक्षकों के बारे बारे में बताने वाले हैं जिनका नाम लेते ही मन श्रद्धा और आदर के भाव से भर जाता है.

रामकृष्ण परमहंस : देश के महान संत और आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस ने अद्वैत का पालन किया. वह सभी धर्मों के बीच एकता के बड़े हिमायती थे. वह स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरु थे. उनका जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के कामारपुकुर ग्राम में हुआ था. उनका बचपन का नाम गदाधर था.
रवींद्र नाथ टैगोर : रवींद्र नाथ टैगोर का दर्जा शिक्षक के रूप में बहुत ऊंचा है. कवि और चित्रकार रवींद्र नाथ टैगोर ने बच्चों के पठन-पाठन का अलग सिद्धांत विकसित किया और अपने इस सिद्धांत पर आधारित शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय की स्थापना की. जो कि आज भी शिक्षा की अलख जगा रहा है. उनका जन्म जन्म 7 मई 1861 को कलकत्ता में हुआ था. रवींद्र नाथ टैगोर का कहना था कि शिक्षा का मकसद आत्म-साक्षात्कार, बौद्धिक विकास, शारीरिक विकास और मानवता के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन : डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के थिरुत्तानी में हुआ था. वह एक ख्यातिलब्ध दर्शशास्त्री और प्रोफेसर थे. उन्हें साल 1954 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. साथ ही साल 1968 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति बने थे. यह साहित्य अकादमी द्वारा एक लेखक को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
अब्दुल कलाम : मिसाइलमैन के नाम से विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा ही वैज्ञानिक और शिक्षक रहे. वह राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल पूरा करने के बाद अन्ना यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे थे. उनका कहना था कि वे शिक्षक के रूप में जाने जाना चाहते थे. सीखना जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है. जो दूसरों को जानता है वह विद्वान है. लेकिन बुद्धिमान वह है जो स्वयं को जानता है. बुद्धि के बिना विद्या व्यर्थ है.