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भगवान के प्रति जीवन का सार ही सर्वस्व है। पाप और अत्याचार से मनुष्य का होता है विनाश

बिछवां –क्षेत्र के नर्मदेश्वर महादेव मंदिर देवगंज में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन आचार्य रामप्रताप शरण ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति जीवन का सार ही सर्वस्व है। पाप व अत्याचार मनुष्य को बिनाश की ओर ले जाता है। जव प्रथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है तब दुष्टों का बिनाश करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। कथा को सुनाते हुए आचार्य ने कहा कि जब राजा कंस ने ब्राह्मणों , संतों व भगवान के भक्तों पर अत्याचार किया तो भगवान ने देवकी , वासुदेव के यहां अवतार लिया। उसके बाद वासुदेव भगवान क्रष्ण को गोकुल में यशोदा के घर छोड़ आए। इस दौरान आचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर वधाई गीत गाए। कथा पांडाल में मौजूद भक्त बधाई गीतों पर जमकर झूमे। इस अवसर पर लक्ष्मी चंन्द्र, ग्राम प्रधान कोतवाल शाक्य, सुमित कुमार, चेतराम शाक्य, मनोज कुमार, मिन्टू वर्मा, अनिल कुमार, पप्पू, हरिओम आदि लोग मौजूद रहे।