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( 8 lakhs)
( 8 lakhs)

कोर्ट नेपूर्व विधायक 8 लाख( 8 lakhs) का जर्माना भी लगाया

फर्रुखाबाद. यूपी पुलिस के सिपाही को आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमे में विशेष अदालत एमपी-एमएलए के न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक विजय सिंह को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है और आठ लाख ( 8 lakhs) रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है. पूर्व विधायक इस समय बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. यह सजा वीडियो कांफ्रेंस से सुनाई गई.

मैनपुरी जिले व कोतवाली क्षेत्र के बालाजी पुरम आश्रम रोड निवासी विजेंद्र सिंह तोमर पुलिस विभाग में ड्राईवर पद पर तैनात थे. वर्ष 2014 में उसकी फतेहगढ़ कोतवाली में तैनाती थी. वह सिविल लाइन मडैया में किराये के मकान में रहते थे. 26 जून 2014 की सुबह साढ़े सात बजे गोली लगने से विजेंद्र सिंह तोमर की मौत हो गई. पुत्र राहुल तोमर ने पिता की हत्या कर गले से सोने की चेन व हाथ से अंगूठी लूटने का मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया था. विवेचना में हत्या की जगह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला सामने आया. सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर ने पुत्र राहुल तोमर की नौकरी लगवाने के लिए उस समय विधायक रहे विजय सिंह को साढ़े चार लाख रुपये दिए थे. रुपये लेने के बाद न तो नौकरी लगवाई और न रुपये वापस किए. विधायक आए दिन उन्हें धमकाते भी थे.

इस मामले में पुलिस ने विधायक रहे विजय सिंह के खिलाफ सिपाही को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पत्र दाखिल किया। विजेंद्र तोमर द्वारा लिखा गया पत्र भी आरोप पत्र के साथ दाखिल किया गया. इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत और केके पांडेय ने मुदकमे की सुनवाई के दौरान दलीलें पेश की. सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने पूर्व विधायक विजय सिंह को रुपये लेकर न तो नौकरी लगवाने व न रुपये वापस करने के जुर्म में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा और आठ लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया. जुर्माना राशि वसूल होने पर साढ़े सात लाख रुपये सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर के परिजन को दिए जाने का आदेश दिया है. पूर्व विधायक को सजा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनाई गई.

आजीवन कारावास की काट रहे सजा
पूर्व विधायक विजय सिंह को पूर्व ऊर्जा मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सु़नाई गई थी. वह इस समय बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.