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मंदिरों (temples )में घंटी बजाने वाले अब राज्यों में शासन कर रहे

भागलपुर. रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी को लेकर विवाद थमा भी नहीं है कि एक अन्य मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को ब्राह्मणों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंदिरों (temples ) में घंटी बजाने वाले अब राज्यों में शासन कर रहे हैं.

बिहार के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को भागलपुर जिले में एक जनसभा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ का उदाहरण देते हुए कहा, ‘जो लोग मंदिरों में घंटी बजाने का काम करते थे, वे अब शक्तिशाली पदों पर आसीन हो गए हैं. इसके अलावा, उच्च जाति समुदायों पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि देश की 10 प्रतिशत आबादी, जो ब्रिटिश राज का एजेंट हुआ करती थी, अब शेष 90 प्रतिशत पर अपनी पकड़ बना रही है, जिसमें वंचित और पिछड़े समुदाय शामिल हैं.

एक वर्ग पर पिछड़ों का शोषण करने का आरोप
मेहता ने दावा किया, ‘हमारी 90 प्रतिशत आबादी, जिसका प्रतिनिधित्व (बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री) जगदेव बाबू करते थे, उनका पहले ब्रिटिश राज ने और फिर उनके एजेंटों ने शोषण किया.’ मेहता ने एक व्यक्तिगत वीडियो में कहा कि जगदेव बाबू ने जिन 10 प्रतिशत लोगों के बारे में बात की, वे किसी विशेष जाति के लोग नहीं हैं, बल्कि एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पिछड़े वर्गों का शोषण कर रहा है और यह प्रथा आज भी जारी है

आजादी से पहले अंग्रेजों के समय में बाप दादाओं को प्रताड़ित किया बाद में उनके दलालों ने किया। जिसे लोग 10 प्रतिशत का हिस्सेदार बताते हैं। उन्हीं के पास सारी जमीने हैं जो अंग्रेजों की दलाली के एवज में जमीने मिली है: बिहार सरकार में मंत्री आलोक मेहता, गोराडीह,
वहीं विवाद बढ़ने पर आलोक मेहता ने बचाव करते हुए कहा, ‘जिन लोगों ने इसे गलत तरीके से लिया, हमने उन्हें जवाब दे दिया है. बिहार की तमाम आवाम जानती है कि आलोक मेहता सभी वर्गों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखता है, सभी वर्गों के प्रति सम्मान है. 100 में 10 जो हैं वे जो अंग्रेज के दलाल हैं ये सुनकर किसे दर्द हो रहा है?’
रामचरितमानस पर उठाए सवाल
इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने उस बयान से विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की महाकाव्य रामायण पर आधारित कविता रामचरितमानस विभाजनकारी है और समाज में नफरत फैलाती है. यूपी में पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस पर सवाल उठाते हुए नए विवाद को जन्म दिया है.