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ओवरलोडिंग, डग्गेमारी, अवैध शराब की बिक्री किसी भी दशा में न हो, अवैध शराब के कारोबार में संलिप्तों के विरुद्ध की जाए प्रभावी कार्यवाही- जिलाधिकारी।

मैनपुरी –  जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा के दौरान उप जिलाधिकारी, तहसीलदार से कहा कि तहसील स्तर पर लंबित आर.सी. का मिलान संबंधित विभाग से कराकर प्राथमिकता पर आर.सी. की वसूली करें। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि खनन, स्टांप, एवं रजिस्ट्रेशन, सिंचाई, मुख्य देय में गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष काफी कम वसूली हुई है, संबंधित विभाग के अधिकारी कम वसूली का कारण स्पष्ट करते हुए लक्ष्य की पूर्ति के लिए कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें, प्रत्येक दशा में माह के अंत तक वसूली की प्रगति सुधारे अन्यथा जिम्मेदारी तयकर कार्यवाही होगी, सम्बन्धित अधिकारी प्रवर्तन कार्य बढ़ाकर निर्धारित राजस्व वसूली के लक्ष्य की पूर्ति करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्व वादों के निस्तारण में जनपद में बेहतर कार्य हुआ है, राजस्व वादों में जनपद प्रदेश में 22-वें स्थान पर है। उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों से कहा कि नियमित रूप से न्यायालय में बैठकर वादों का निराकरण करें, पुराने वादों को प्राथमिकता पर निपटाया जाए।

श्री सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्व वसूल की प्रगति ठीक नहीं है, तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रतिदिन क्षेत्र में निकलकर बकायादारों से वसूली करें, अपर जिलाधिकारी साप्ताहिक रूप से अपने स्तर पर वसूली की समीक्षा करें, मुख्य देय, विविध, विद्युत, परिवहन, वाणिज्य कर, रॉयल्टी, स्टांप देय की लंबित आर.सी. की वसूली में तहसीलों द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है, अमीनों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष वसूली भी नहीं की जा रही। उन्होने असंतोष व्यक्त इस दौरान अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र के अलावा समस्त उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण आदि उपस्थित रहे।

  • जिलाधिकारी ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए
  • लंबित आर.सी. की अभियान चलाकर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार करें वसूली, बड़े बकायेदारों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही कर बकाया वसूला जाए-जिलाधिकारी
  • ओवरलोडिंग, डग्गेमारी, अवैध शराब की बिक्री किसी भी दशा में न हो, अवैध शराब के कारोबार में संलिप्तों के विरुद्ध की जाए प्रभावी कार्यवाही- जिलाधिकारी।

मैनपुरी जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कर-करेत्तर, राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा के दौरान उप जिलाधिकारी, तहसीलदार से कहा कि तहसील स्तर पर लंबित आर.सी. का मिलान संबंधित विभाग से कराकर प्राथमिकता पर आर.सी. की वसूली करें। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि खनन, स्टांप, एवं रजिस्ट्रेशन, सिंचाई, मुख्य देय में गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष काफी कम वसूली हुई है, संबंधित विभाग के अधिकारी कम वसूली का कारण स्पष्ट करते हुए लक्ष्य की पूर्ति के लिए कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें, प्रत्येक दशा में माह के अंत तक वसूली की प्रगति सुधारे अन्यथा जिम्मेदारी तयकर कार्यवाही होगी, सम्बन्धित अधिकारी प्रवर्तन कार्य बढ़ाकर निर्धारित राजस्व वसूली के लक्ष्य की पूर्ति करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्व वादों के निस्तारण में जनपद में बेहतर कार्य हुआ है, राजस्व वादों में जनपद प्रदेश में 22-वें स्थान पर है। उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों से कहा कि नियमित रूप से न्यायालय में बैठकर वादों का निराकरण करें, पुराने वादों को प्राथमिकता पर निपटाया जाए।

श्री सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्व वसूल की प्रगति ठीक नहीं है, तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रतिदिन क्षेत्र में निकलकर बकायादारों से वसूली करें, अपर जिलाधिकारी साप्ताहिक रूप से अपने स्तर पर वसूली की समीक्षा करें, मुख्य देय, विविध, विद्युत, परिवहन, वाणिज्य कर, रॉयल्टी, स्टांप देय की लंबित आर.सी. की वसूली में तहसीलों द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है, अमीनों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष वसूली भी नहीं की जा रही। उन्होने असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि बड़े बकायादारों से बकाया की राशि वसूलने में भी लापरवाही बरती जा रही है, जिस कारण लंबित आर.सी. की वसूली की प्रगति खराब है, सम्बन्धित इस ओर ध्यान दें।उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि तहसील स्तर पर स्टांप कमी की पत्रावलियां जांच हेतु लंबित हैं, स्टांप कमी की पत्रावलियों पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर सत्यापन कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होने वादों की समीक्षा के दौरान कहा कि धारा-34, धारा-24, धारा-80, धारा-67, धारा-122 बी. के वाद उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों के न्यायालय में लंबित है, इन वादों के निस्तारण की भी प्रगति सुधारी जाये।
जिलाधिकारी ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन की समीक्षा करने पर पाया कि माह नवम्बर में 121 बैनामों की जांच की गयी जिसमें 25 पर स्टांप कमी पायी गयी, जिस पर 35.10 लाख, माह दिसम्बर में 174 बैनामों में 41 में स्टांप कमी मिलने पर 115.67 लाख, माह जनवरी में 177 जांच में 52 बैनामों में स्टांप कमी पाये जाने पर 75.96 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया, वाणिज्यकर विभाग द्वारा माह नवम्बर में 07 जांच में 47.11 लाख, माह दिसम्बर में 05 जांच पर 40.73 लाख, माह जनवरी में भी 05 जांच पर 51.68 लाख का अर्थदंड लगाया गया, सचल दल द्वारा विगत 03 माह में कुल 1806 वाहनों की चैकिंग की गयी, जिसमें 85 वाहन चैकिंग के दौरान दोषी पाये गये, जिन पर 68.41 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया। उन्होने मंडी शुल्क की वसूली की प्रगति निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अधिक पाये जाने, वसूली में प्रदेश में प्रथम स्थान होने पर संतोष व्यक्त किया।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवीन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, राजस्व अधिकारी धु्रव शुक्ला, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, घिरोर, कुरावली, किशनी, अभिषेक कुमार, संध्या शर्मा, नीरज कुमार द्विवेदी, सुप्रिया गुप्ता, राम नारायण, प्रसून कश्यप, जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार, डी.जी.सी. सिविल सुधाकर मिश्र, प्रशासनिक अधिकारी हरेंद्र कुमार, समस्त तहसीलदार, कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।करते हुये कहा कि बड़े बकायादारों से बकाया की राशि वसूलने में भी लापरवाही बरती जा रही है, जिस कारण लंबित आर.सी. की वसूली की प्रगति खराब है, सम्बन्धित इस ओर ध्यान दें।

उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि तहसील स्तर पर स्टांप कमी की पत्रावलियां जांच हेतु लंबित हैं, स्टांप कमी की पत्रावलियों पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर सत्यापन कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होने वादों की समीक्षा के दौरान कहा कि धारा-34, धारा-24, धारा-80, धारा-67, धारा-122 बी. के वाद उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों के न्यायालय में लंबित है, इन वादों के निस्तारण की भी प्रगति सुधारी जाये। जिलाधिकारी ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन की समीक्षा करने पर पाया कि माह नवम्बर में 121 बैनामों की जांच की गयी जिसमें 25 पर स्टांप कमी पायी गयी, जिस पर 35.10 लाख, माह दिसम्बर में 174 बैनामों में 41 में स्टांप कमी मिलने पर 115.67 लाख, माह जनवरी में 177 जांच में 52 बैनामों में स्टांप कमी पाये जाने पर 75.96 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया, वाणिज्यकर विभाग द्वारा माह नवम्बर में 07 जांच में 47.11 लाख, माह दिसम्बर में 05 जांच पर 40.73 लाख, माह जनवरी में भी 05 जांच पर 51.68 लाख का अर्थदंड लगाया गया, सचल दल द्वारा विगत 03 माह में कुल 1806 वाहनों की चैकिंग की गयी, जिसमें 85 वाहन चैकिंग के दौरान दोषी पाये गये, जिन पर 68.41 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया। उन्होने मंडी शुल्क की वसूली की प्रगति निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अधिक पाये जाने, वसूली में प्रदेश में प्रथम स्थान होने पर संतोष व्यक्त किया।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवीन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, राजस्व अधिकारी धु्रव शुक्ला, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, घिरोर, कुरावली, किशनी, अभिषेक कुमार, संध्या शर्मा, नीरज कुमार द्विवेदी, सुप्रिया गुप्ता, राम नारायण, प्रसून कश्यप, जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार, डी.जी.सी. सिविल सुधाकर मिश्र, प्रशासनिक अधिकारी हरेंद्र कुमार, समस्त तहसीलदार, कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे। कहा कि बड़े बकायादारों से बकाया की राशि वसूलने में भी लापरवाही बरती जा रही है, जिस कारण लंबित आर.सी. की वसूली की प्रगति खराब है, सम्बन्धित इस ओर ध्यान दें।उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि तहसील स्तर पर स्टांप कमी की पत्रावलियां जांच हेतु लंबित हैं, स्टांप कमी की पत्रावलियों पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर सत्यापन कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होने वादों की समीक्षा के दौरान कहा कि धारा-34, धारा-24, धारा-80, धारा-67, धारा-122 बी. के वाद उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों के न्यायालय में लंबित है, इन वादों के निस्तारण की भी प्रगति सुधारी जाये।

जिलाधिकारी ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन की समीक्षा करने पर पाया कि माह नवम्बर में 121 बैनामों की जांच की गयी जिसमें 25 पर स्टांप कमी पायी गयी, जिस पर 35.10 लाख, माह दिसम्बर में 174 बैनामों में 41 में स्टांप कमी मिलने पर 115.67 लाख, माह जनवरी में 177 जांच में 52 बैनामों में स्टांप कमी पाये जाने पर 75.96 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया, वाणिज्यकर विभाग द्वारा माह नवम्बर में 07 जांच में 47.11 लाख, माह दिसम्बर में 05 जांच पर 40.73 लाख, माह जनवरी में भी 05 जांच पर 51.68 लाख का अर्थदंड लगाया गया, सचल दल द्वारा विगत 03 माह में कुल 1806 वाहनों की चैकिंग की गयी, जिसमें 85 वाहन चैकिंग के दौरान दोषी पाये गये, जिन पर 68.41 लाख रू. का जुर्माना लगाया गया। उन्होने मंडी शुल्क की वसूली की प्रगति निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अधिक पाये जाने, वसूली में प्रदेश में प्रथम स्थान होने पर संतोष व्यक्त किया।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवीन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, राजस्व अधिकारी धु्रव शुक्ला, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, घिरोर, कुरावली, किशनी, अभिषेक कुमार, संध्या शर्मा, नीरज कुमार द्विवेदी, सुप्रिया गुप्ता, राम नारायण, प्रसून कश्यप, जिला आबकारी अधिकारी दिनेश कुमार, डी.जी.सी. सिविल सुधाकर मिश्र, प्रशासनिक अधिकारी हरेंद्र कुमार, समस्त तहसीलदार, कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभाग प्रभारी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।