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(Kolar seat)
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सिद्धारमैया के लिए कोलार सीट (Kolar seat)पर जीत आसान नहीं

बेंगलुरू. कर्नाटक में पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को कोलार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया है कि वे अगला चुनाव कोलार से लड़ेंगे. उन्‍होंने कहा ‘ मैंने कोलार (Kolar seat) से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन इस पर आलाकमान निर्णय करेगा. वे बीते कुछ समय से कोलार से चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे थे. वे अपने लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे थे और उन्‍होंने वरुणा, बादामी, हेब्‍बल, कोप्‍पल और चामराजपेट क्षेत्रों से भी चुनाव लड़ने का विचार किया था. गौरतलब है कि वर्तमान में सिद्धारमैया बगलकोट जिले की बादामी सीट से प्रतिनिधि हैं. हालांकि उन्‍होंने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने की बात पहले ही कह दी थी.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि सिद्धारमैया के लिए कोलार चुनाव आसान नहीं होगा. यहां की गुटबाजी उन्‍हें परेशान कर सकती है तो वहीं उन्‍होंने कभी भी किसी निर्वाचन क्षेत्र में लगातार काम नहीं किया है, वे अपना क्षेत्र बदलते रहे हैं, उनका ऐसा करना उनके खिलाफ जा सकता है. कोलार में हजारों उत्‍साही समर्थकों के बीच सिद्धारमैया ने कहा कि अब किसी को संदेह करने की जरूरत नहीं है, मैंने कोलार से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है.

कोलार: कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट
कोलार में दलितों, मुस्लिमों और कुरुबा मतदाताओं की प्रभावी उपस्थिति है. इसे कांग्रेस और जनता दल (एस) के लिए एक सुरक्षित सीट माना जाता है. यहां के मतदाताओं ने हमेशा जेडीएस या कांग्रेस प्रतिनिधि को चुना है. लोकसभा चुनाव में, यहां की जनता ने भाजपा के उम्‍मीदवार को विजयी बनाया था. सिद्धारमैया को AHINDA – अल्पसंख्यातरु या अल्पसंख्यक, हिंदूलिदावारू या पिछड़ा वर्ग, और दलितारू या दलित – का समर्थन प्राप्त है और उन्हें इस समूह के सबसे मजबूत नेता के रूप में पेश किया जाता है. वह कुरुबा समुदाय से भी ताल्लुक रखते हैं, जो कर्नाटक में लिंगायत और वोक्कालिगा के बाद तीसरा सबसे बड़ा जाति समूह है.

पूर्व सीएम के लिए खाली की है कोलार सीट
राजनीतिक विश्लेषक भास्कर राव बताते हैं कि कोलार में मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग समुदायों के साथ एक प्रमुख निर्णायक कारक हैं. ये दो प्रमुख कारक हैं. सिद्धारमैया ने एक इंटरव्‍यू में कहा था कि कोलार के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता उनसे कोलार से चुनाव लड़ने का अनुरोध कर रहे हैं. वहीं, कोलार भी कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित सीट है. दरअसल यहां से विधायक के श्रीनिवास गौड़ा, जिन्हें राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए जद (एस) से निष्कासित कर दिया गया था और वे अब कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने यह सीट पूर्व सीएम के लिए खाली की है.

दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे सिद्धारमैया
पिछले विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया (75) ने बागलकोट जिले की बादामी विधानसभा सीट और मैसूरु की चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने बादामी सीट 1,696 मतों के अंतर से जीती थी जबकि चामुंडेश्वरी में वे जद (एस) के अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वी जीटी देवेगौड़ा से हार गए थे. गौड़ा ने 36,042 मतों के भारी अंतर से सीट जीती. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों बताया कि 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह सिद्धारमैया इस बार भी दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसी संभावना है कि वह वरुणा (मैसूर) या चामराजपेट (बेंगलुरु) से भी चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अंतिम निर्णय उनके पास है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ पूर्व मंत्री ने नाम न छापने की शर्त बताया.