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(INS Chilka)
(INS Chilka)

भारतीय नौसेना के आईएनएस-चिल्का(INS Chilka)

भुवनेश्वर. ओडिशा में भारतीय नौसेना के आईएनएस-चिल्का (INS Chilka) पर मंगलवार को 2,585 अग्निवीरों के पहले बैच की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. अग्निवीरों के इस पहले चत्थे में 273 महिलाएं भी शामिल हैं, जो चार महीने की लंबी ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद अब अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं.

इस पासिंग आउट परेड में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने नए रंगरूटों से सलामी ली, जो सूर्यास्त के बाद आयोजित की गई थी. वैसे तो पासिंग आउट परेड (पीओपी) परंपरागत रूप से सुबह के समय आयोजित किए जाते हैं, लेकिन यह पहला मौका था जब यह परेड सूर्यास्त के बाद आयोजित की गई थी, जो भारतीय सशस्त्र बलों में अपनी तरह का पहला था.

सीमावर्ती युद्धपोतों पर तैनात जाएंगे ये अग्निवीर
आईएनएस-चिल्का भारतीय नौसेना के अग्निवीरों के लिए प्रमुख बुनियादी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान है और एक व्यापक प्रशिक्षण व्यवस्था द्वारा रंगरूटों को प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करता है. इस मौके पर राज्यसभा सांसद पीटी उषा और क्रिकेटर मिताली राज भी ऐतिहासिक कार्यक्रम में मौजूद थे.

नौसेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि सफल रंगरूटों को उनके समुद्री प्रशिक्षण के लिए सीमावर्ती युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि अग्निवीरों के इस पहले बैच में वे अग्निवीर (पुरुष और महिलाएं) भी शामिल हैं, जो इस साल 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर भारतीय नौसेना के गणतंत्र दिवस परेड दल का हिस्सा थे.

‘देश की सेवा करने का अवसर पाने के लिए भाग्यशाली’
इस मौके पर अग्निवीरों को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, ‘मैं आपको (अग्नीवीर) विश्वास दिलाता हूं कि आप जहां भी जाएंगे, जीवन में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा के साथ पूरी तरह तैयार रहेंगे.’

भारतीय नौसेना प्रमुख ने पासिंग आउट अग्निवीरों से ‘अपना कर्तव्य निभाने और इसे अच्छी तरह से करने’ के लिए कहा. उन्होंने आशा व्यक्त की कि अग्निवीर जीवन की सभी चुनौतियों का पूरे विश्वास के साथ सामना करेंगे.

एडमिरल कुमार ने कहा, ‘आप बड़े पैमाने पर देश की सेवा करने का अवसर पाने के लिए भाग्यशाली हैं. मुझे यह भी विश्वास है कि अगर किसी दुश्मन देश से कोई चुनौती आती है तो आप उन्हें करारा जवाब देने में सक्षम होंगे.’ नौसेना प्रमुख ने नौसैनिकों से राष्ट्र निर्माण के लिए नौसेना के कर्तव्य, सम्मान और साहस के मूल मूल्यों को बनाए रखने का भी आग्रह किया.