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( टाला)
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किसानों ने ‘दिल्ली मार्च’ 29 फरवरी तक टाला( टाला)

नई दिल्ली/हिसार: न्यूनतम समर्थन मूल्य  की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान 11 दिन से धरने पर हैं. इस बीच किसानों ने दिल्ली मार्चका प्लान 29 फरवरी तक टाल ( टाला) दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी जानकारी दी. किसान अभी पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर डटे हैं. शंभू बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसानों में आक्रोश है. किसानों ने शुभकरण को शहीद का दर्जा देने और मुआवजे की मांग की है. पंजाब सरकार ने शुभकरण के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी की घोषणा की. हालांकि परिवार और किसान नेता हत्या के आरोपियों पर FIR दर्ज होने तक शुभकरण का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए हैं. इसे लेकर तनाव बना हुआ है. 24 फरवरी को किसान शुभकरण सिंह की याद में कैंडल मार्च निकालेंगे.

हिसार में पुलिस और किसानों की हुई झड़प
शुक्रवार को हरियाणा के हिसार में किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. खनौरी बॉर्डर जाने के लिए किसान खेड़ी चौपटा में इकट्ठा हुए थे. पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोका, जिसे लेकर बवाल हो गया. किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए. दूसरी ओर, पुलिस ने आरोप लगाया कि रोके जाने पर किसानों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की. झड़प के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और कई किसानों को अपनी हिरासत में ले लिया. किसानों के साथ हुई झड़प में हरियाणा पुलिस के SHO जख्मी हो गए.

वहीं, हरियाणा पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई का फैसला वापस ले लिया है. अंबाला रेंज के IG सिबाश कबिराज ने शुक्रवार 23 फरवरी को यह जानकारी दी.

अंबाला ASP पूजा डाबला ने कहा- “हम अभी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के कोई प्रोविजन लागू नहीं कर रहे. NSA के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. हम किसानों-प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि कानून-व्यवस्था अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें. अगर कानून-व्यवस्था बरकरार रहती है, तो किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.”
शुभकरण का अभी तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम
वहीं, किसान शुभकरण का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि पैसा नहीं, इंसाफ चाहिए. किसान नेताओं ने शुभकरण को शहीद का दर्जा देने की मांग की थी. किसानों की साथ ही मांग है कि पोस्टमार्टम बोर्ड बनाया जाए और हरियाणा पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.

शुभकरण की खरौनी बॉर्डर पर झड़प के दौरान मौत हो गई थी. शुभकरण की मौत के खिलाफ शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ‘काला दिवस’ मना रहा है. शंभू और खनौरी बार्डर पर किसान अब भी धरने पर बैठे हैं.
किसानों पर नहीं लगेगा NSA
गुरुवार रात को अंबाला पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, फिर हरियाणा पुलिस ने गुरुवार सुबह कहा कि उस आदेश पर पुनर्विचार किया गया और NSA का आदेश वापस लिया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसमें दखल देने की मांग की गई है. याचिका में मांग की गई है कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि किसान जिन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार उन पर विचार करे और किसानों के साथ सरकार उचित व्यवहार करे. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली आने और प्रदर्शन करने से नहीं रोका जाना, प्रदर्शन करना उनका अधिकार है.

याचिका में की गईं ये अपील
‘द सिख चैंबर ऑफ कॉमर्स’ के मैनेजिंग डायरेक्टर अग्नोस्तोस थिओस की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि पुलिस ने रास्ते में जो बैरिकेड्स बनाए हैं, उससे आम आदमी को समस्या हो रही है. पुलिस इस बैरिकेड्स को हटाए. किसानों पर पुलिस बल प्रयोग की जांच और पुलिस कार्रवाई में घायल और मारे गए किसान के परिवार को उचित मुआवजा की भी मांग की गई है. साथ ही किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट अनब्लॉक की भी मांग की गई है.
CM खट्टर ने किया किसानों की कर्ज पर ब्याज और जुर्माने की माफी का ऐलान
इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के लिए कर्ज पर ब्याज और जुर्माने की माफी का ऐलान किया है. खट्टर ने ट्वीट किया, “मैं भी किसान का बेटा हूं. मैंने भी अपने हाथ से हल चलाया है. मैं किसानों का दर्द समझता हूं… इसीलिए मैं आज प्रदेश के किसानों द्वारा 30 सितंबर 2023 तक लिए गए फसली ऋण पर ब्याज और जुर्माने की माफी की घोषणा करता हू.”

मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए ये ऐलान किया. बजट प्रस्तावों की घोषणा ऐसे समय में की गई, जब किसानों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं और 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जा रहा है.