Breaking News
(pursuit):

वाराणसी की गलियों में चल रही नाव, सुरक्षित ठिकाने की तलाश

वाराणसी । वाराणसी (pursuit) में शुक्रवार की आधी रात गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया था। अभी गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होने की बात केंद्रीय जल आयोग (pursuit) द्वारा कही गई है। मगर, गंगा और वरुणा की बाढ़ में घिरे मकानों में रहने वालों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है।

एक अनुमान के अनुसार, गंगा और वरुणा में आई बाढ़ के कारण रोज कमाने-खाने वाले 6000 से ज्यादा लोगों का कामकाज ठप है। वहीं, गंगा और वरुणा नदी के किनारे की कॉलोनियों के मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की रात 12 बजे गंगा खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर को पार कर 71.29 मीटर पर आ गई थीं।

गंगा में आई बाढ़ की वजह से वरुणा भी उफनाई हुई है। इसके चलते वाराणसी में शहर से लेकर गांवों तक अब तक बाढ़ से तकरीबन 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग का मानना है कि अभी जलस्तर के स्थिर होने की संभावना नहीं है। चंबल सहित अन्य नदियों के पानी के कारण वाराणसी में अभी गंगा का जलस्तर और बढ़ेगा।

गंगा अब वाराणसी के लोगों को डराने लगी हैं। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं हैं। शहर में गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है। शनिवार की सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 71.46 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ज्यादा है। आज गंगा का जलस्तर प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। वाराणसी में गंगा का उच्चतम बाढ़ बिंदु 73.901 मीटर है, जो 9 सितंबर 1978 को दर्ज किया गया था।