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पश्चिम बंगाल ( Bengal)में घर जाने से डर र हेबीजेपीउम्‍मीदवार

कोलकाता. पश्चिम बंगाल ( Bengal) में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं, पिछले एक हफ्ते से कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के कुछअपने घर वापस नहीं जा पा रहे हैं. उनका कहना है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा कथित रूप से की गई हिंसा के कारण उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है. इसलिए अब उन्‍होंने सुरक्षित ठिकानों में शरण ले रखी है. संदेशखाली प्रखंड के नजत ग्राम पंचायत के सुभंकर गिरि का दावा है कि वे स्थानीय खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के कार्यालय में जाने पर वह आगामी चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल नहीं कर सके. इसके बाद वह अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के कार्यालय गए लेकिन फिर से असफल रहे. अंत में, उन्होंने अदालत के निर्देशों के बाद अपना नामांकन दाखिल किया, लेकिन अब वह घर वापस नहीं जा सकते.

बीजेपी उम्‍मीदवार सुभंकर गिरि ने कहा कि हम अब उनकी हिंसा को सहन नहीं कर सकते. उन्होंने हमें नामांकन दाखिल नहीं करने दिया. हम अदालत गए और आखिरकार सफल हुए लेकिन अब वे हमें लगातार धमकी दे रहे हैं. उन्हें मत बताना कि हम कहां हैं या वे हमें खत्म कर देंगे. यहां सुभंकर अकेले नहीं हैं. कोलकाता में उसी सुरक्षित ठिकाने में भाजपा के पिंटू सरदार, सोमा मैती, निरुपमा बिस्वास और अनामिका दास छिपे हुए हैं. इस घर में करीब 24 लोग हैं. संदेशखाली के दुर्गा मंडप ग्राम पंचायत की सोमा मैती ने बताया, “हमें 2018 में बीजेपी का समर्थन करने के लिए घर से निकाल दिया गया था. इस बार भी अगर केंद्रीय बल नहीं आते हैं तो शायद हम कभी वापस नहीं जा पाएंगे. हम उम्मीदवार हैं लेकिन अपने इलाके में प्रवेश नहीं कर सकते.”

उम्‍मीदवारों को जान का खतरा, यहां वे सुरक्षित तो हैं
इस घर में हमेशा खौफ का माहौल रहता था. इलाके के भाजपा सदस्य शांतनु मोंडल सभापति ने News18 को बताया, “हमारे बहुत सारे उम्मीदवार यहां हैं और हमारी पार्टी ने अन्य जिलों में भी सुरक्षित ठिकाना बनाया है. हमें अपने उम्मीदवारों की रक्षा करनी होगी.” कोलकाता बीजेपी नेता तमोग्ना घोष ने News18 से कहा, ‘हमारे उम्मीदवार फ्रंट से लड़ रहे हैं. यहां कम से कम वे सुरक्षित हैं. हमारी चिंता यह है कि चूंकि वे अपने गांव वापस नहीं जा पा रहे हैं तो वे प्रचार कैसे करेंगे? यह उनके जीवन का मामला है और हम इसे जोखिम में नहीं डाल सकते.” कोलकाता ही नहीं, बीजेपी अन्य जिलों में भी ऐसी व्यवस्था कर रही है.

ममता बनर्जी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती को चुनौती देने वाली ममता बनर्जी सरकार की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. टीएमसी सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. सूत्रों का कहना है कि राज्य चुनाव आयोग हर जिले के लिए केंद्रीय बल की एक कंपनी की मांग करेगा.