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पन्‍नू के केस में अमेरिका कर रहे ‘बतोलेबाजी’?

रूस, भारत : जैसे ‘हीरा है सदा के लिए’. कुछ वैसे ही रूस, भारत के लिए सबसे वफादार दोस्त रहा है. दशकों पहले जब-जब भारत को दबाने की कोशिश हुई तब रूस ने मजबूती से हमारा साथ दिया और सुरक्षा हितों का ध्यान रखा. लंबे समय बाद जब ‘दुनिया का दारोगा’ की छवि रखने वाले अमेरिका (US) ने खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के मर्डर की साजिश रचने का आरोप भारत पर लगाया तब भी रूस ने भारत का समर्थन करते हुए अमेरिकी दावों पर सवाल उठाए और उन्हें प्रोपेगेंडा करार दिया है.अमेरिका ने महीनों पहले भारतीय नागरिक पर सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. तब अमेरिका ने दावा किया था पन्नू की हत्या की साजिश रची जा रही थी. इसी मामले में रूस ने भारत का समर्थन करते हुए बहुत बड़ी बात कही है.

अमेरिकी दावों में दम नहीं: मारिया

खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हत्या की साजिश रचने के अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जकारोवा ने कहा, ‘वाशिंगटन ने इस मामले में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं दिया है. ऐसे मेंहमारे पास मौजूद जानकारी के मुताबिक अमेरिका बस आरोप लगा रहा है. सबूतों के अभाव में अटकलें लगाना गलत है. ऐसे भ्रामक दावों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’

भारत ने दो टूक खारिज किए थे आरोप
नवंबर, 2023 में अमेरिका ने पन्नू के मर्डर प्लॉट रचने का आरोप भारत पर जड़ा था. इस केस में अमेरिकी दावों को लेकर भारत ने जरूरी कदम उठाए हैं. अमेरिका ने तब ये दावा भी किया था कि उसने टॉप सीनियारिटी लेवल पर, भारत के साथ अपनी सुरक्षा संबंधी चिंताएं साझा की थीं. जिनमें ‘संगठित अपराधियों, बंदूकों का कारोबार करने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ’ पर इनपुट साझा किया गया था.

कौन है पन्नू?

खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिकी-कनाडाई नागरिक है. वो सिख फॉर जस्टिस का जनरल काउंसिल और भारत में एक नामित आतंकवादी है. पन्नू को मारने की कथित साजिश के बारे में कनाडा की ओर से भी बयानबाजी हुई थी. तब से लेकर अबतक न तो कनाडा और न ही अमेरिका किसी ने भी एक भी ठोस सबूत नहीं दिया है. इससे पहले कनाडाई PM ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के एजेंट जिम्मेदार हो सकते हैं. भारत ने आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए उन्हें बेतुका बताया था.