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6700 करोड़ की डील, भारत US से खरीदेगा 4 सर्विलांस और एंटीसबमरीन प्लेन्स

नई दिल्ली. भारत-अमेरिकी की स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप में मजबूती आ रही है। भारत, अमेरिका से चार लॉन्गरेंज सर्विलांस (निगरानी) और एंटीसबमरीन एयरक्राफ्ट पोसाइडन-8I खरीदेगा। ये डील एक बिलियन डॉलर (करीब 6700 करोड़ रुपए) की है। नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी (CCS) ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। 3 साल में मिलेगा पोसाइडन…
– बीते कुछ सालों में अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा वेपन्स सप्लायर रहा है।
– एक अफसर की मानें, ‘अगले कुछ दिनों में बोइंग से कॉन्ट्रैक्ट साइन हो जाएगा।’
– ‘नेवी को पहला पोसाइडन-8I तीन साल में मिल जाएगा।’
– बता दें कि नेवी में फिलहाल 8 पोसाइडन हैं। ये सभी 2013-15 के बीच शामिल किए गए थे। इनके लिए 2.1 बिलियन डॉलर की डील हुई थी।
सिक्युरिटी के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री कर रही डील
– सिक्युरिटी को चाक-चौबंद बनाने को लेकर डिफेंस मिनिस्ट्री लगातार डील कर रही है।
– पिछले हफ्ते अमेरिका से 145 M-777 अल्ट्रालाइट हॉविट्जर प्लेन्स के लिए डील की गई थी।
– हॉविट्जर से काफी ऊंचे इलाकों (खासकर 4,057 km लंबी चीन सीमा पर) में निगरानी रखी जा सकती है।
– वहीं अमेरिका, मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत दो इंजन वाले F/A-18 सुपर हॉर्नेट या सिंगल इंजन वाले F-16 फाइटर को भारत में बनाने की परमीशन दे सकता है।
– सूत्रों की मानें तो अप्रैल में पेंटागन (अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट) और भारतीय डिफेंस मिनिस्ट्री के बीच बातचीत हो चुकी है।
– यूएस के डिफेंस मामलों के उपमंत्री फ्रेंक केंडेल फिर से इसी महीने भारत में अमेरिकी फाइटर बनाने के मुद्दे पर बातचीत करने आ सकते हैं।
क्या खास है पोसाइडन में?
– P-8I, भारत के खतरे का पता लगाकर उसकी जानकारी तुरंत दे सकता है और जरूरत पड़ने पर उस खतरे को खत्म भी कर सकता है।
– पोसाइडन-8I हारपून ब्लॉक-II मिसाइल्स, MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो, रॉकेट्स जैसे वॉरलोड ले जाने में कैपेबल है।
– पोसाइडन-8I में खास रडार सिस्टम की मदद से पूरे हिंद महासागर पर नजर रखी जा सकती है।
– पोसाइडन-8I, 4 घंटे में ऑपरेटिंग स्टेशन से 1200 नॉटिकल माइल को कवर कर सकता है।
– 2 साल पहले पोसाइडन ने चीनी सबमरीन की भारतीय इलाके में मौजूदगी का पता लगाया था।