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हिजाब पहनने की जिद, यह आतंकवादी मानसिकता:श्रीराम सेना प्रमुख 

बेंगलुरु:कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पहनने पर चल रहा विवाद दो सप्ताह बाद भी जारी है। कर्नाटक के उडुपी स्थित गर्वमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में मंगलवार को भी हिजाब पहन कर आई छह छात्राओं को कक्षा में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए क्लास में हिजाब पहनने के अधिकार की मांग की है।

हाईकोर्ट में रेशमा फारूक नाम की छात्रा की ओर से दायर याचिका में कहा है कि हिजाब पहनना अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकार है। इसी के साथ इस्लाम धर्म में भी इसकी मान्यता है। मसले पर जवाबदेही के लिए याची ने कर्नाटक राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है।

कर्नाटक में हिजाब पर विवाद जनवरी में शुरू हुआ था जब सात मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण क्लास में प्रवेश नहीं दिया गया था। इसके बाद छात्राएं कॉलेज नहीं जा रही थीं।

ड्रेस में समानता के लिए फैसला
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उसने ये फैसला कॉलेज ड्रेस में समानता के लिए लिया है। कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का कहना है कि वो मुस्लिम छात्राओं के हक की लड़ाई जारी रखेगा।

उडुपी से भाजपा के विधायक के रघुपति भट्ट ने सोमवार को कहा था की हिजाब पहनना है तो कॉलेज आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं के अभिभावकों से मिले हैं।
कर्नाटक सरकार के निर्देश पर राज्य के शिक्षा विभाग ने राज्यभर के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में ड्रेस को लेकर दिशा-निर्देश तय करने के लिए समिति गठित की है। 25 जनवरी को जारी आदेश में ये स्पष्ट कहा गया है कि समिति की रिपोर्ट आने तक नियमों का पालन सुनिश्चत हो।

कर्नाटक में हिजाब पर चल रहा मसला विदेशी मीडिया में भी चर्चा का केंद्र है। अलजजीरा ने इस खबर को प्रमुखता से 18 जनवरी के अंक में प्रकाशित किया था। रिपोर्ट के अनुसार छात्राओं को हिजाब इसलिए नहीं पहनने दिया जा रहा क्योंकि वे कॉलेज की ड्रेस का हिस्सा नहीं है।

कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद राजनीतिक रंग लेने लगा है। श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने मंगलवार को कहा है कि हिजाब पहनने की जिद्द और वर्दी की अनदेखी करना आतंकवादी मानसिकता को दर्शाता है। ऐसे विद्यार्थियों को स्कूल से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने हुबली में कहा कि अब वे हिजाब कहती हैं, आगे वे बुर्का कहेंगी, इसके बाद उनके द्वारा नमाज और मस्जिद पर जोर दिया जायेगा। यह स्कूल है या आपका धार्मिक केन्द्र है। मुतालिक ने कहा, स्कूल प्रबंधन को सख्ती से छात्राओं को बताना चाहिए कि वे हिजाब पहनकर स्कूल नहीं आ सकती हैं।