गैजेट डेस्क। गूगल में जॉब मिलना किसी के लिए भी सातवें आसमान पर पहुंचने के जैसा ही है। हाल ही में गूगल के CEO सुंदर पिचाई की सैलरी का खुलासा हुआ है। सुंदर को 2015 में गूगल ने 100 मिलियन डॉलर (662 करोड़ 62 लाख रुपए) का पैकेज दिया है। कंपनी ने पहले ही 2016 के लिए गूगल सपनों की नगरी तो लगता है, लेकिन कई ऐसी बातें भी हैं जो आपको शायद ना पता हों। गूगल के पूर्व कर्मचारियों ने Quora पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। Quora पर सामने आई गूगल में काम करने की ये बुराइयां…
1.Overqualified लोगों के लिए बहुत छोटा सा काम-
गूगल के एक पूर्व कर्मचारी के मुताबिक कंपनी में Overqualified (अपने काम के हिसाब से ज्यादा पढ़े लिखे और काबिल) लोगों को छोटे काम के लिए भी नौकरी पर रख लिया जाता है। गूगल में टॉप 10 कॉलेज के स्टूडेंट्स यूट्यूब से मैनुअल फ्लैग्ड कंटेंट को हटाने के लिए रखा गया है। ऐसे छोटे काम करते समय कर्मचारी अक्सर इरिटेट हो जाते हैं।
2. बड़ी ऑर्गेनाइजेशन और ऑफिस पॉलिटिक्स-
Quora यूजर Joel Johnson ने गूगल में अपना एक्सपीरियंस बताते हुए कहा की किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में ऑफिस पॉलिटिक्स भी चलती है। अगर आप सही प्रोजेक्ट और सही बॉस के अंडर काम कर रहे हैं तो आपका प्रमोशन तय है और नए लोगों के साथ पुराने कर्मचारी सही व्यवहार भी नहीं करते। इसी के चलते जोएल ने 4 महीने में ही गूगल छोड़ दी थी।
3. कई इंजीनियर हैं अड़ियल-
Joel की तरह ही एक और Quora यूजर के अनुसार गूगल के इंजीनियर अड़ियल और घमंडी हैं। सभी को लगता है कि वो बाकियों से बेहतर हैं। गूगल में ऑब्जेक्टिव डिस्कशन बहुत मुश्किल से होता है और सभी सिर्फ अपने काम से मतलब रखते हैं।
4. नहीं है आपका कोई वजूद-
गूगल एक बड़ी कंपनी है और उसमें आपकी वैल्यू बहुत कम है। एक और यूजर ने लिखा है की 3 साल काम करने के बाद गूगल छोड़ना बहुत मुश्किल था, लेकिन उन्होंने ये फैसला इसिलए लिया क्योंकि कंपनी में उनका इम्पैक्ट बहुत कम था। अगर आप बहुत सुपर टैलेंटेड इंजीनियर हैं जो कुछ नया बना रहे हैं आपका गूगल में कोई वजूद नहीं।
5. मिडिल मैनेजमेंट प्रॉब्लम्स-
गूगल में मिडिल मैनेजमेंट प्रॉब्लम्स भी बहुत ज्यादा हैं। सीनियर्स अपने अंडर काम करने वाले लोगों को इन्सपायर नहीं करते उनके लिए गूगल का नाम और उसकी रेप्यूटेशन बहुत जरूरी है। इसके अलावा, कुछ नया एक्सपेरिमेंट फेल होने के डर से कई बार उन्हें दबा दिया जाता है।
6. गूगल में इंजीनियरिंग जरूरी है लेकिन डिजाइन कम-
गूगल में प्रोडक्ट इंजीनियरिंग पर बहुत ध्यान दिया जाता है, लेकिन जब बात प्रोडक्ट डिजाइनिंग की आती है तो यहां थोड़ा पीछे हो जाती है कंपनी। इसी वजह से कई प्रोडक्ट्स जैसे Wave, Google Video, Buzz, Dodgeball, Orkut, Knol और Friend Connect बंद कर दिए गए।