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महिलाएं हमारे समाज व संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा

प्रयागराज। राष्ट्र के समग्र विकास में महिलाओं की भूमिका सदैव निर्णायक रही है। वे न केवल एक खुशहाल परिवार की नीोव हैं, बल्कि हमारे समाज व संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। धीरे-धीरे लोगों की मानसिकता बदल रही है। लड़कियां खेल, शिक्षा व राजनीति आदि जैसे हर क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
उक्त विचार ख्यातिलब्ध पार्श्व गायिका तृप्ति शाक्या ने व्यक्त किया। वह सोमवार को दांदूपूर स्थित समदरिया स्कूल में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि अभी बालिकाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। उनके साथ हर क्षेत्र में भेदभाव, हिंसा आम बात है। प्रतिवर्ष लाखों लड़कियों को इन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मणि शंकर द्विवेदी ने कहा कि बालिकाओं को समान शिक्षा, पोषण व मौलिक स्वतंत्रता की विशेष आवश्यकता है। यदि समग्र भागीदारी सुनिश्चित की जाए तो राष्ट्र के उन्नयन में उनका योगदान अपेक्षा से कहीं अधिक होगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ अंबिका पांडेय ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुर सीखने होंगे। आसपास के सम्भावित खतरों को भांप कर सजग रहना और आगे कदम बढ़ाना है। कार्यक्रम का संचालन सोशल एक्टिविस्ट शरद मिश्र तथा आभार ज्ञापन प्रियंका जायसवाल ने किया। इस अवसर पर मधुकराचार्य त्रिपाठी, पीके तिवारी, कृष्ण मुरारी मिश्र, शालिनी जायसवाल, नीतू सिंह, सुमन, संज्ञा पाण्डेय, तृप्ति जायसवाल, नुसरत अली, विनोद यादव, प्रभात शुक्ल, एमपी सिंह आदि लोग मौजूद रहे।