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बटवारे में हुए झगड़े से खुला डकैती का राज, सवा आठ करोड़ का सोना और कैश बरामद

नोएडा :पुलिस ने शुक्रवार को जिले की सबसे बड़ी चोरी का खुलासा कर एक गिरोह के छह चोरों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 6.55 करोड़ रुपये का सोना और 57 लाख रुपये और सवा आठ करोड़ रुपये का सामान बरामद हुआ है। डीसीपी राजेश एस ने बताया कि थाना सेक्टर-39 पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध करोड़ों रुपये का सोना और नगदी लेकर सदरपुर सोम बाजार कट पर खड़े हैं। पुलिस ने छापेमारी कर मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान सलारपुर निवासी राजन भाटी और गाजियाबाद के गांव मुरादाबाद निवासी अरुण उर्फ छतरी के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों से एक-एक किलो सोने के बिस्किट और कुछ कैश बरामद किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने आठ साथियों के साथ मिलकर 23 सितंबर 2020 की रात को सूरजपुर की सिल्वर सिटी सोसाइटी डेल्टा-1 में फ्लैट से करोड़ों रुपये का सोना और कैश चोरी किया था।

पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर सेक्टर-81 भूड़ा गांव के जय सिंह, नीरज, सलारपुर के अनिल और बिंटू शर्मा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से 57 लाख रुपये, 13.9 किलोग्राम सोना, कार और 1 करोड़ 10 लाख रुपये की जमीन के दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों से बरामद सोने की कीमत बाजार में 6.55 करोड़ रुपये है। आरोपियों से बरामद कार भी चोरी के पैसे से खरीदी गई थी। आरोपियों से कुल 8.25 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की गई।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने जिस व्यक्ति के घर से करोड़ों की चोरी की थी, वह खुद को वकील बताता है। उसकी पहचान मूलरूप से इलाहाबाद निवासी किशलय पांडे के रूप में हुई है। जांच में सामने आया है कि उसके खिलाफ गुरुग्राम, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर ठगी के कई केस दर्ज हैं। उसने आम्रपाली ग्रांड में भी एक विला खरीद रखा है। यह विला भी फर्जीवाड़े की रकम से खरीदा था। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद उसे भी मामले में आरोपी बनाया जाएगा। पूरे मामले की जानकारी होने के बाद किशलय पांडे ने पुलिस के पास कॉल की और उसने बताया कि वह फिलहाल अमेरिका में है। अब पुलिस उसके पिता राममणि पांडे से पूछताछ करेगी। इसके अलावा किशलय की पांडे की पत्नी से भी पूछताछ की जाएगी। वह अपने दो बच्चों के साथ आम्रपाली विला नंबर एक में रहती है। उसके पास भी पुलिस की टीम को भेजा गया है।

एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि वकील के घर से करोड़ों रुपये की चोरी होने के बावजूद उसने पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी। जब आरोपी पकड़ में आए तो वारदात का खुलासा हुआ। एडीसीपी का कहना है कि दोनों बाप-बेटा फर्जीवाड़े के नेटवर्क से जुड़े हैं। उनके खिलाफ इंडिया बुल कंपनी ने केस दर्ज करा रखा है। पुलिस जांच में पता चला है कि किशलय पांडे की दिल्ली कनॉट प्लेस में भी एक फर्म है। वहां पर पुलिस टीम को जांच करने क लिए भेजा गया है। इस कंपनी में राम मणि पांडे मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।

एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने चोरी के पैसे से दनकौर और मायचा गांव में 1 करोड़ 10 लाख रुपये की जमीन खरीदी है। इसके अलावा एक आरोपी ने अपने हिस्से के पैसे से स्कार्पियो कार खरीदी थी। आरोपियों ने बताया कि चोरी के कुछ दिन बाद ही उन्होंने सोने और कैश के हिस्से को आपस में बांट लिया था। इसके बाद से आरोपी अपने घर पर ही थे।

वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गाजियाबाद का रहने वाला गोपाल है। वकील ने उसे संपत्ति की सुरक्षा के लिए सिल्वर सिटी सोसाइटी डेल्टा-1 में तैनात किया था। जब गोपाल को पता चला कि फ्लैट में करोड़ों रुपये का सोना और कैश है तो उसने चोरी करने की साजिश रची। इसके बारे में उसने अपने साथियों को बताया। हालांकि, आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बीच चोरी के कैश और सोने के बंटवारे को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद आरोपियों में शामिल एक युवक पुलिस का मुखबिर बन गया। उसने पुलिस को सारे मामले के बारे में जानकारी दी। फिर पुलिस ने उसकी मुखबिरी के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कार्रवाई करने वाली टीम को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
किशलय पांडे के आम्रपाली ग्रांड में विला नंबर एक में दो मर्सिडिज सहित पांच लग्जरी कार खड़ी हैं। बताया जा रहा है कि यह भी उसने ठगी की रकम से ही खरीदी हैं। इसके अलावा उसकी अन्य जगहों पर भी अरबों की संपत्ति है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि उसने इंडिया बुल कंपनी के साथ भी करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। संबंधित कंपनी के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।