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( रोशनी )
( रोशनी )

सूर्य की रोशनी( रोशनी ) को ही पृथ्वी तक आने से क्यों रोकना

क्या अमेरिका में डेमोक्रेट सरकार पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी को आने से रोकना चाहती है? अगर जो बाइडन के व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट को माना जाए तो यह सच है. बाइडन प्रशासन इस तरह के शोधकार्यों को बढ़ावा देने का मन बना रहा है जिससे सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली किरणों ( रोशनी ) को ही रोका जा सके. और यह सब काम किसी एक देश के खिलाफ नहीं बल्कि पूरी की पूरी पृथ्वी को बचाने के लिए किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सराकर ऐसा ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए कर रही है.

किन तकनीकों पर होगा काम
अमेरिकी सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इन अनोखे तरीकों पर विचार कर इनमें निवेश करने का फैसला किया है. इसके लिए स्ट्रैटोस्फियरिक एरोसॉल इंजेक्शन (एसएआई), मरीन क्लाउड ब्राइटनिंग और सिरस क्लाउड थिनिंग जैसी सोलर जियोइंजीनियरिंग तकनीकों पर मंथन किया जा रहा है.

एक खास टीम करेगी काम
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर यह शोध प्रकाशित हुआ है कि जिसमें बताया गया है कि बाइडन प्रशासन उन सोलरजियोइंजीनियरिंग तकनीकों पर काम कर रही है जो सूर्य से पृथ्वी की ओर आने वाली रोशनी को रोकने काम करेंगी. यह रिपोर्ट व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ साइंड एंड टेक्नोलॉजी ने जारी की जिसे कांग्रेस में प्रस्तुत किया जाता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक खास टीम इस पर काम करेगी.

एक चुनावी वादा
इसके जरिए जो बाइडन की डेमोक्रेटिक सरकार उस चुनावी वायदे को पूरा करने का प्रयास कर रही है. पिछले चुनाव में बाइडन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विशेष तौर पर ध्यान देने का वादा किया था. और इसके जरिए दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम किया जाएगा. ये तकनीकें सूर्य से आने वाली किरणों को हलका और कमजोर कर देंगी जिससे की पृथ्वी पर ऊष्मा कम हो सकेगी.ks
कुछ बातों को समझने की जरूरत
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इस रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया है कि इस बात पर और ज्यादा शोधकार्य की जरूरत है जिससे पृथ्वी के जटिल तंत्र को समझा सके. इसमें इस तरह की कवायदों की फायदों और जोखिमों की भी समझने की महत्व को रेखांकित किया है. गौर तलब है कि कन्सॉलिडेशन एप्रोप्रिएशन्स एक्ट 2022 ने एक रिसर्च गवर्नेन्स फ्रेमवर्क के विकास का निवेदन किया जिससे सोलर जियोइंजीनियरिंग के लिए सार्वजनिक वित्त पोषण हो सके

दो बड़ी वजहें
यह खबर दो बातों के लिहाज से अहम मानी जा रही है. इससे पहले अमेरिका में डोनाल्ट ट्रम्प की रिपब्लिकन सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधानों पर ज्यादा खर्च किया था, लेकिन डेमोक्रेटस की वर्तमान सरकार जलवायु परिवर्तन पर ज्यादा जो दे रही है. इसके अलावा सरकार पर बढ़ते खर्चों परका भी बहुत ही ज्यादा दबाव है. ऐसे में सौलर जियोइंजीनियरिंग तकनीकों को खंगालना सवाल पैदा कर सकता है.

ज्यादा सरल तकनीकें हैं ये
रिपोर्ट में स्ट्रैटोस्फियरिक एरोसॉल इंजेक्शन और मरीन क्लाउड ब्राइटनिंग का खास जिक्र है. इसमें सिरस क्लाउड थिनिंग पर भी चर्चा की गई है. इसमें बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर अंतरिक्ष आधारित समाधानों पर कम ध्यान दिया गया है, जबकि सोलर जियो इंजीनियरिंग जैसी तकनीक तुलानत्मक तौर पर सरल और ज्यादा मुफीद हैं.

रिपोर्ट में सोलर रेडिएशन मॉडिफिकेशन की तकनीकों लागू करने की जगह उसके प्रभावों को समझने पर जोर देने की जरूरत पर बल दिया गया है. और इसके प्रभावों को व्यापक तौर पर खंगालने की फायदों पर भी विचार करने को कहा गया है. लेकिन अभी इन तनकीकों को काम करते हुए देखने में बहुत समय लगेगा.