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( अमेरिका )
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अचानक अमेरिका पर क्यों भड़के पुतिन?( अमेरिका )

मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात की है. उन्होंने कहा कि देश पर अगर खतरा मंडराया तो उन्हें परमाणु हथियार के इस्तेमाल में जरा भी देरी नहीं लगेगी. रूस की सुरक्षा और आजादी पर आंच आने की स्थिति में वे परमाणु हथियार के इस्तेमाल के लिए तैयार हैं. उन्होंने अमेरिका  ( अमेरिका ) से उम्मीद जताई कि वो भी इस बात का ध्यान जरूर रखेगा.

पुतिन का पश्चिम को सख्त संदेश

पुतिन ने कहा कि यदि देश की संप्रभुता-स्वतंत्रता पर कोई खतरा पैदा होता है तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचेगा जो परमाणु संघर्ष को जन्म दे सकती हो. पश्चिम को चेतावनी देने वाला पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इस सप्ताह रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. जिसमें उनका अगले छह वर्ष के लिए चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है.

अमेरिका और बाइडन का भी जिक्र
रूस के सरकारी टेलीविजन चैनल के साथ एक इंटरव्यू में पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को अनुभवी राजनीतिज्ञ बताया. और कहा कि वह तनाव बढ़ने के संभावित खतरों को पूरी तरह से समझते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दुनिया परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रही है. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस के परमाणु बल पूरी तरह तैयार हैं.

देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं..

पुतिन ने कहा कि देश के सुरक्षा सिद्धान्त के तहत अगर मास्को की संप्रभुता या स्वतंत्रता को कोई खतरा होता है तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद से रूसी नेता ने बार-बार परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की अपनी तत्परता को प्रदर्शित किया है.

पुतिन पहले भी दे चुके हैं परमाणु हमले की धमकी
इसी तरह की सबसे हालिया धमकी पिछले महीने उनके राष्ट्र के नाम संबोधन में आई थी, जब उन्होंने पश्चिम को चेतावनी दी कि यूक्रेन में युद्ध में उनकी भागीदार बढ़ने से परमाणु युद्ध का खतरा हो सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी यूक्रेन में युद्धक्षेत्र में परमाणु हथियारों का उपयोग करने पर विचार किया है, पुतिन ने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी. उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि मॉस्को यूक्रेन में अपने लक्ष्यों को हासिल करेगा और उन्होंने बातचीत के लिए दरवाजे खुले होने की बात कही. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी समझौते के लिए पश्चिम से पक्की गारंटी की आवश्यकता होगी.

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