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UP सरकार की रिपोर्ट: कैैराना में 13 परिवारों का पलायन, BJP ने लगाए झूठे आरोप?

मेरठ.यहां कैराना में परिवारों के पलायन के मामले में नया खुलासा हुआ है। यूपी सरकार ने 346 में से 119 परिवारों का सर्वे किया तो पता चला कि बीते 2 साल में केवल 13 परिवारों ने ही पलायन किया। बता दें, इसके पहले बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने एक लिस्‍ट जारी कर दावा किया था किे बीते 2 साल में कैराना में सांप्रदायिक हिंसा के चलते बड़े पैमाने पर 346 परिवारों ने पलायन किया है।4 परिवारों ने 20 साल पहले ही छोड़ा कैराना…
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की तैयार की गई रिपोर्ट कहती है कि लिस्‍ट में शामिल 68 परिवार 10 से 15 साल पहले कैराना छोड़कर यूपी के दूसरे हिस्‍सों में, हरियाणा में, दिल्‍ली में और गुजरात में जाकर शिफ्ट हो गए।
– इसके अलावा करीब 4 ऐसे परिवार हैं, जिन्‍होंने जिले को 20 साल पहले ही छोड़ दिया। इसमें से एक ने राज्‍य सरकार की जॉब छोड़कर नोएडा में सेटलमेंट कर लिया।
– वहीं, हुकुम सिंह की लिस्‍ट में शामिल 13 परिवार ऐसे हैं जो अब भी कैराना के पट्टोवाला, कायस्‍थबर्दा और दरबार कला यानी अपने घरों में रह रहे हैं।
– 4 नाम ऐसे भी हैं जिनकी मौत हो चुकी है। बता दें, ये रिपोर्ट 119 परिवारों के फिजिकल वेरीफिकेशन पर बेस्‍ड है।
अच्‍छी एजुकेशन, बिजनेस के लिए किया पलायन
– सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, ज्‍यादातर परिवारों ने अच्‍छी एजुकेशन, बिजनेस और मेडिकल फैसिलिटीज के चलते पलायन किया है।
– कैराना में रहने वाले उनके रिश्‍तेदारों और दोस्‍तों ने इस बात से इनकार कर दिया कि पलायन करने वालों ने एक विशेष कम्‍युनिटी के डर से गांव छोड़ा।
– वहीं, कैराना छोड़ने वाले परिवारों को मुकीम गैंग से मिलने वाली धमकी के आरोपों पर रिपोर्ट का कहना है कि गैंग में शामिल 29 में से 25 लोग जेल में हैं और वे ईस्‍ट यूपी की कई जेलों में जा चुके हैं, ता‍कि वे जेल के अंदर से लोकल लोगों को डरा न सकें।
– गैंग के 4 मेंबर्स पुलिस एनकाउंटर में मारे भी जा चुके हैं।
– इसके अलावा सांसद के आरोपों कि ट्रेडर्स पर क्रिमिनल्‍स के अटैक के चलते लोगों ने कैराना छोड़ दिया, इस पर सरकार की रिपोर्ट कहती है कि बीते 2 साल में इस तरह का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
– 9 पेज की रिपोर्ट के मुताबिक, दो लोकल बिजनेसमैन शिवकुमार और राजेंद्र का 2014 में मर्डर हो गया था।
– 2016 में गैंगस्‍टर मुकीम के भाई ने अपने साथियों बाबू और सुभाष के साथ निखिल नाम के शख्‍स का मर्डर कर दिया लेकिन ये घटना एक क्राइम थी और इसमें सांप्रदायिक हिंसा जैसी कोई बात नहीं थी।
क्‍या कहना है पुलिस का?
– शामली के एसपी विजय भूषण ने बताया कि कैराना में लोगों के फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान यह बात सामने आई कि यहां से बीते एक दशक में 115 से ज्‍यादा मुस्लिम परिवारों ने पलायन किया।
– ऐसा सामाजिक और आर्थिक कारणों से हुआ है, न कि किसी हिंदू मुस्लिम विवाद के चलते।
– 119 नामों को वेरीफाई किया गया है। इसके अलावा बीजेपी सांसद की लिस्‍ट में जो दूसरे नाम हैं, उनका फिजिकल वेरीफिकेशन किया जाएगा।