नई दिल्ली. आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ से बेहद अच्छी खबर आई है. नक्सल प्रभावित (नक्सल प्रभावित ) छह ऐसे गांव हैं, जहां आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद पहली बार तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई. सुरक्षा बलों द्वारा इन गांव के निकट नए कैंप लगाए जाने के बाद ऐसा संभव हो पाया है. बस्तर डिविजन के अंदर सुकमा और बीजापुर ऐसे सात जिलों में से हैं, जो पिछले तीन दशकों से नक्सल उग्रवाद के खतरे से जूझ रहे हैं.
बातचीत के दौरान बस्तर डिविजन के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ‘मंगलवार को बीजापुर जिले के चिन्नागेलुर, तिमेनार, हिरोली और सुकमा जिले के बेद्रे, दुब्बामरका और टोंडामरका गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा, जहां आजादी के बाद से ऐसा आयोजन नहीं देखा गया है.” साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सुकमा जिले के पिडमेल, डुब्बाकोंटा, सिलगेर और कुंडेड गांवों में भी पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इन गांवों में इसी साल पहली बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरंगा झंडा फहराया गया था.