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विद्यालयों में संख्या बढ़ाने को खंड शिक्षाधिकारी शिक्षकों के साथ घूमेंगे गांव गांव

मैनुपरी 28 दिसम्बर, 2022- सभी खंड शिक्षाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे विद्यालयों जहां पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष 25 प्रतिशत से कम उपस्थिति हो, को चिन्हित कर उन विद्यालयों के शिक्षकों के साथ स्वयं आबादी में जाकर बच्चों के अभिभावकों से संवाद कर उन्हें प्रतिदिन बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें, जो बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आ रहे हैं। उनके अभिभावकों को शासन की संचालित योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए। अगले 15 दिन में यदि विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार न हुआ तो संबंधित खंड शिक्षाधिकारी की जिम्मेदारी तयकर कायर्वाही की जाए। जनपद का प्रत्येक विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प के अंतगर्त 17 पैरामीटर से संतृप्त रहे, अभी कुछ विद्यालयों में बालक-बालिका शौचालय, दिव्यांग शौचालय, शौचालय में पानी की उपलब्धता, टाइल्स, विद्युतीकरण का कार्य शेष है। संबंधित खंड शिक्षाधिकारी, खंड विकास अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर तत्काल अवशेष कार्य पूर्ण कराकर विद्यालय में मूल-भूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। नामित अधिकारी प्रतिमाह कम से कम 05-05, बेसिक शिक्षा के समन्वयक प्रतिमाह कम से कम 10-10, खंड विकास अधिकारी कम से कम 25-25, खंड शिक्षाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी निधार्रित मानक के अनुसार विद्यालयों का निरीक्षण कर विद्यालयों में शिक्षा के स्तर, बच्चों की उपस्थिति में सुधार कराना सुनिश्चित करें।

मंत्री जयवीर सिंह दि. 30 दिसम्बर को जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं

उक्त निदेर्श जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति, निपुण भारत, जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की समीक्षा के दौरान देते हुये कहा कि निपुण भारत योजना में खंड शिक्षाधिकारी बेवर की प्रगति मात्र 36 प्रतिशत रिमेडियल टीचिंग में करहल की प्रगति बेहद असंतोषजनक, शिक्षकों की उपस्थिति में खंड शिक्षाधिकारी सुल्तानगंज के यहां मात्र 76 प्रतिशत, विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष कुरावली, मैनपुरी शहर में मात्र 58 प्रतिशत पाए जाने पर संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को चेतावनी जारी करने के आदेश देते हुए कहा कि यदि 15 दिन में प्रगति न सुधरे तो खंड शिक्षाधिकारियों के विरुद्ध प्रभावी कायर्वाही की जाए। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि परिषदीय विद्यालयों में गरीब, ग्रामीण अंचलों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें, ड्रेस, जूते-मोजे के अलावा सप्ताह में एक बार फल, दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक भी मौजूद है लेकिन विद्यालयों में न तो शिक्षा का माहौल है और नाहीं पंजीकृत छात्र प्रतिदिन उपस्थित हो रहे हैं जबकि कन्वेंट विद्यालयों में लगभग 99 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति रहती है, शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक इस ओर ध्यान दें। विद्यालयों में उपस्थिति सुधरे अन्यथा शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक कायर्वाही को तैयार रहें।

श्री सिंह ने कहा कि विद्यालयों में जो बच्चे कमजोर है या कोरोना कालखंड में बच्चों को उच्च कक्षा में बिना पढ़ाई के प्रमोट किया गया है। ऐसे बच्चों को चिन्हित कर रिमेडियल टीचिंग के तहत विद्यालय समय के उपरांत कम से कम आधा घंटा अलग से पढ़ाकर उनका शैक्षिक स्तर सुधारा जाए। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि शिक्षकों की उपस्थित में सुल्तानगंज में मात्र 76 प्रतिशत, मैनपुरी में 77 प्रतिशत, बेवर, जागीर में 79 प्रतिशत, करहल, कुरावली में 82 प्रतिशत शिक्षक ही गत माह विद्यालय में उपस्थित रहे हैं जबकि शेष शिक्षक अवकाश पर रहे हैं। उन्होंने बेसिक शिक्षाधिकारी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेशित करते हुए कहा कि किसी भी विकास खंड में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को एक बार में अवकाश न दिया जाए यदि शिक्षक ही विद्यालय में उपस्थित नहीं रहेंगे तो शिक्षा के स्तर में सुधार कैसे होगा। उन्होंने पाया की खंड शिक्षा क्षेत्र मैनपुरी शहर, कुरावली में पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष मात्र 58 प्रतिशत,  किशनी में 60 प्रतिशत, जागीर, सुल्तानगंज में 61 प्रतिशत, घिरोर, करहल में 62 प्रतिशत छात्र ही विद्यालयों में उपस्थित हुए हैं, संबंधित खंड शिक्षाधिकारी इस ओर ध्यान दें, विद्यालयों में उपस्थिति के साथ साथ नामांकन भी बढ़ाएं, कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे, सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने मध्यान्ह भोजन की समीक्षा के दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी बच्चों को निधार्रित मात्रा में दूध उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिला समन्वयक एमडीएम दूध वितरण वाले दिवस पर अधिक से अधिक विद्यालयों का निरीक्षण कर बच्चों को निधार्रित मात्रा में उत्तम क्वालिटी का दूध का वितरण कराना सुनिश्चित करें। बच्चों को मध्यान्ह भोजन में भी गुणवत्तापूवर्क खाना मिले, खाने की गुणवत्ता की जांच विद्यालय का कोई न कोई शिक्षक स्वयं खाना खाकर चेक करें, मध्यान्ह भोजन में स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे मसालों का ही प्रयोग हो, किसी भी विद्यालय में चूल्हे पर मध्यान्ह भोजन न बने, यदि किसी विद्यालय में चूल्हे पर मध्यान्ह भोजन बनता पाया जाए तो संबंधित शिक्षक की जिम्मेदारी तयकर उसके विरुद्ध प्रभावी कायर्वाही की जाए। उन्होंने जनपद में संचालित कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच कराने, मीनू के अनुसार नाश्ता, दोपहर, शाम का खाना मुहैया कराए जाने हेतु जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को निर्देशित किया। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष आधार सत्यापन की प्रगति में किशनी, घिरोर, बेवर की प्रगति ठीक न पाए जाने पर संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को शेष छात्रों का आधार बनवाकर प्रगति सुधारे जाने हेतु आदेशित किया।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पी.पी. सिंह, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. के.के. सिंह, डी.सी.एन.आर.एल.एम. पी.सी. राम, जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार वर्मा, प्राचार्य डाइट नरेन्द्र पाल सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता, जिला पूर्ति अधिकारी क्यामुद्दीन अंसारी, भूमि संरक्षण अधिकारी विजय पाल, जिला कायर्क्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल, समस्त खंड विकास अधिकारी, खंड शिक्षाधिकारी आदि उपस्थित रहे।