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(cance)
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ये चींटियां, सूंघकर डिटेक्ट कर लेंगी कैंसर(cance)

नई दिल्ली. कैंसर हर साल लाखों लोगों की जान लेता है. ट्रीटमेंट में हर एक दिन की देरी मरीज को मौत के और करीब लाकर खड़ा कर देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में मौजूद कैंसर ट्यूमर से वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड नाम का एक कैमिकल निकलता है. ये हमारे शरीर से पेशाब या पसीने के साथ बाहर आता है. एक लेटेस्ट स्टडी में दावा किया गया है कि चीटियां इसी केमिकल को सूंघकर कैंसर (cance) की पहचान कर लेंगी. किसी बड़े टेस्ट से पहले ही अब कैंसर का पता लगाया जा सकेगा.

दरअसल ये स्टडी यूरोप और दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले फॉर्मिका फ्यूस्का चींटियों पर हुई थी. इस स्टडी को अब एक अहम बायोमार्कर माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब बिना ज्यादा खर्च किए और शरीर को दर्द दिए काफी हद कर कैंसर डिटेक्ट किया जा सकेगा.

नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
बता दें कि लंबे समय से तेज स्मेल वाले कुत्तों को कैंसर की पहचान करने की ट्रेनिंग मिलती रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैंसर काफी तेजी से शरीर में फैलता है. अक्सर एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद इस घातक बीमारी की पहचान हो पाती है. ऐसे में विशेषज्ञ ऐसे तरीकों की तलाश कर रहे हैं जिससे प्राइमरी स्टेज में ही कैंसर डिटेक्ट हो जाए.

फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च ने कुछ दिन पहले अपनी लेटेस्ट स्टडी में दावा किया था कि कैंसर डिटेक्ट करने में चींटियां डॉग्स से ज्यादा सफल हो सकती हैं. ये रिसर्च प्रोसिडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसायटी में पब्लिश किया गया था.
चींटियों ने की कैंसर सेल्स की पहचान
स्टडी में एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि ह्यूमन ब्रेस्ट कैंसर के सेल लेकर इसे चूहों में ट्रांसप्लांट कर दिया गया था. फिर इसे ग्रो होने दिया गया. इस तकनीक को जीनोग्राफ्टिंग कहा जाता है. फिर इन चूहों के पेशाब के हेल्दी सैंपल को चींटियों के सामने रखा गया. फिर पहले से ट्रेंड चींटियों ने कैंसर सेल्स की फौरन पहचान कर ली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चींटियों पर कैंसर को लेकर पहले भी एक्सपेरिमेंट हुए हैं. दावा किया गया था कि चींटियों में पाया जाने वाला एक केमिकल कैंसर की दवा का असर काफी बढ़ा सकता है.