नयी दिल्ली। इस वर्ष अगस्त महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई के बढ़कर सात फीसदी पर पहुंचने पर वित्त मंत्रालय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये आज कहा कि कीमतों को नियंत्रित करने और आपूर्ति बढ़ाने के लिए उठाये गये कदमों का असर अगले कुछ महीने में दिखेगा।
वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर सात ट्विट कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि गेंहू का आटा, चावल, मैदा जैसे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए और इसकी कीमतों में बढोतरी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है। इन उपयों का असर अगले कुछ महीने में दिखने लगेगा।
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उसने कहा कि खाद्य तेलों और दालों की कीमतों में नरमी आने के साथ ही आयातित वस्तुओं की कीमतों को नियमित अवधि पर तर्कसंगत बनाया जा रहा है। खाद्य तेलों के भंडार को नियंत्रित किया गया ताकि कोई जमाखोरी नहीं कर सके। इसके कारण तेल और वसा तथा दालों की कीमतों में 5.62 प्रतिशत और 2.52 प्रतिशत की नरमी दर्ज की गयी है।
उसने कहा कि कमजोर मानसून और सब्जियों के लिए प्रतिकूल सीजन होने के बावजूद अप्रैल की तुलना में अगस्त में इनकी कीमतें कम रही है। वैश्विक महंगाई के दबाव और मुद्रास्फीतिक अनुमान में स्थिरता आयी है। वैश्विक बाजार में लौह अयस्क और स्टील जैसे उत्पादों की कीमतों में तेजी आयी है लेकिन घरेलू स्तर पर इनकी कीमतों को तर्कसंगत बनाने के उपायों और आपूर्ति में किये गये सुधारों से इनकी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिली है।