Breaking News

जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की

मैनुपरी -नियमित टीकाकरण में स्वास्थ्य केंद्र करहल, किशनी की प्रगति बेहद खराब है, किशनी के कुसमरा क्षेत्र में मात्र 17 प्रतिशत बच्चे ही पूर्ण प्रतिरक्षित हैं वहीं करहल में कई ग्रामों में बड़ी संख्या में बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। प्र. चिकित्साधिकारी करहल, किशनी कायर्शैली सुधारें, 15 दिन में नियमित टीकाकरण की प्रगति सुधारी जाए, वी.एच.एन.डी. सत्र पर आशा, ए.एन.एम. उपस्थित रहकर लक्षित बच्चों का टीकाकरण करें, खाली सब सेंटर पर नजदीकी क्षेत्र की आशा, ए.एन.एम. से सत्र आयोजित कराकर वहां के बच्चों का टीकाकरण कराया जाए। संस्थागत प्रसव की प्रगति भी कई स्वास्थ्य केंद्रों पर ठीक नहीं है। जननी सुरक्षा योजना में प्रसूताओं को समय से योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। बार-बार निर्देशों के बाद भी आशा, संगिनी के भुगतान में विलंब किया जा रहा है, मुख्य चिकित्साधिकारी नेतृत्व देकर चिकित्सा विभाग की संचालित योजनाओं नियमित टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, आशा, ए.एन.एम. प्रसूता के भुगतान की प्रगति सुधारें, मरीजों, प्रसूताओं को उपलब्ध कराए जाने वाले नाश्ते, खाने की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्र. चिकित्साधिकारी, नोडल अधिकारी रेंडम तौर पर खाने की गुणवत्ता स्वयं खाकर चेक करें। एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में 08-08 घंटे की ड्यूटी लगाकर 24 घंटे क्रियाशील कराया जाये, वरिष्ठ अधिकारी शिफ्टवार कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण करें, सभी 51 सविर्लांस टीम क्रियाशील रहें, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर सैनिटाइजर, इन्फ्रारेड थमार्मीटर, पी.पी.ई. किट, मास्क, दवायें उपलब्ध रहें, वेन्टीलेटर, ऑक्सीजन प्लांट आदि का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्वयं निरीक्षण करें।

उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक के दौरान देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ पात्रों को समय से नहीं मिल पा रहा है, कुछ प्र. चिकित्सा अधिकारियों की कायर्शैली के कारण न तो जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्रसूता को समय से मिल रहा है और नाहीं आशा, ए.एन.एम. के मानदेय का भुगतान समय से हो पा रहा है, संस्थागत प्रसव में करहल, किशनी, बरनाहल की प्रगति खराब है, करहल में गत वषर् के सापेक्ष 52, बरनाहल में 36, किशनी में 13 प्रसव कम हुए हैं। वहीं उक्त तीनों स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूताओं को योजना का लाभ देने में भी शिथिलता बरती गई है। समीक्षा के दौरान आशाओं के मानदेय के भुगतान में मानपुरहरी, घिरोर, करहल, जागीर की प्रगति बेहद खराब पाए जाने पर संबंधित प्र. चिकित्साधिकारियों को आगामी 02 दिन में आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान कराए जाने के निर्देश दिए।

श्री सिंह ने परिवार कल्याण कायर्क्रम की समीक्षा के दौरान पाया कि पुरुष नसबंदी के वाषिर्क लक्ष्य 20 के सापेक्ष मात्र 08, महिला नसबंदी के वाषिर्क लक्ष्य 1774 के सापेक्ष 880 की नसबंदी अब तक की गई है। जिस पर उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्साधीक्षक को आदेशित करते हुए कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आगामी 01 सप्ताह में कैंप आयोजित कराकर महिला, पुरुष नसबंदी के लक्ष्य की पूर्ति करना सुनिश्चित करें। आयुष्मान भारत योजना में भी गोल्डन काडर् बनाए जाने की प्रगति संतोषजनक नहीं है। अब तक 06 लाख, 51 हजार, 148 लाभाथिर्यों के सापेक्ष 03 लाख, 31 हजार, 498 लाभाथिर्यों के ही गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रथम बार गभर्धारण करने वाली महिलाओं को योजना का लाभ प्रदान किए जाने में न्यू पीएससी हिंदूपुरम, अबर्न मैनपुरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवर, करहल द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया है। उन्होने प्र. चिकित्साधिकारियों से कहा कि अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र पर नेतृत्व देकर स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं की प्रगति सुधारें, स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कायर्कत्रियों का सहयोग लेकर अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव कराए जाएं, प्रसूता को जननी सुरक्षा योजना का लाभ डिस्चार्ज होने पर ही उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि जनपद में सैम-मैम बच्चे चिन्हित हैं, जिन्हें पोषण पुनवार्स केंद्र में भतीर् कराने में किसी के द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है, माह नवम्बर में मात्र 14 बच्चे ही एनआरसी में भर्ती कराये गये हैं। उन्होंने जिला कायर्क्रम अधिकारी, समस्त प्र. चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र से प्रतिमाह अति कुपोषित बच्चे पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराए जाएं ताकि उन्हें जल्द से जल्द कुपोषित से सुपोषण की श्रेणी में लाया जा सके। उन्होने राष्ट्रीय क्षय रोग नियत्रंण कायर्क्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लिया है। सभी सम्बन्धित अधिकारी अपने गोद लिये बच्चे से निरतंर सम्पर्क में रहें, उन्हें नियमित रूप से दवा खाने के लिए पे्ररित करें, जानकारी करने पर पाया कि 53 क्षय रोग ग्रसित मरीजों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित निगरानी की जा रही है। उन्हें समय से दवाई, योजना में लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को आदेशित करते हुये कहा कि जिन क्षेत्रों में टीकाकरण की प्रगति खराब है। वहां अतिरिक्त सत्र आयोजित कराकर बच्चों का टीकाकरण कराकर उन्हें जानलेवा बीमारियों से प्रतिरक्षित करायें। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कायर्क्रम जननी सुरक्षा योजना, पीसीपीएनडीटी आदि की बिन्दुवार गहन समीक्षा की।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.पी.पी. सिंह, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. मदन लाल, मुख्य चिकित्साधीक्षक महिला डा. ए.के. पचैरी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव राय, डा. राकेश कुमार, डा. अनिल वर्मा, डा. संजीव राय बहादुर, जिला कायर्क्रम अधिकारी ज्योति शाक्य सहित समस्त प्र. चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र गौर, मलेरिया अधिकारी एस.एन. सिंह, डॉ. अनिल यादव, डी.एम.सी. यूनिसेफ संजीव पांडेय, एस.एम.ओ. डा. वी.पी. सिंह, डीपीएम संजीव आदि उपस्थित रहे।