‘दूसरा आदमी, दूसरी औरत’ की कहानी शोभा दास के इर्द-गिर्द घूमती है. शोभा दास नौकरी के लिए मुंबई आती है और अपने ऑफिस के एक सहकर्मी संभव सिंह की ओर आकर्षित होती है. हालांकि दोनों ही विवाहित हैं, लेकिन विवाहित जीवन में ठहराव की भावना उन्हें नजदीक लाती है. लेकिन ...
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