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( स्त्री-पुरुष )
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शादीशुदा स्त्री-पुरुष ( स्त्री-पुरुष )के प्रेम संबंधों की उलझन

‘दूसरा आदमी, दूसरी औरत’ की कहानी शोभा दास के इर्द-गिर्द घूमती है. शोभा दास नौकरी के लिए मुंबई आती है और अपने ऑफिस के एक सहकर्मी संभव सिंह की ओर आकर्षित होती है. हालांकि दोनों ही विवाहित हैं, लेकिन विवाहित जीवन में ठहराव की भावना उन्हें नजदीक लाती है. लेकिन शोभा को जल्द ही एहसास हो जाता है कि संभव सिंह के लिए वह केवल सिर्फ एक अन्य महिला है. जिस रिश्ते की चमक कुछ समय के लिए होती है, वह अब फीका पड़ने लगता है.

नाटक की कहानी शोभा के अपने जीवन में वापस लौटने के साथ समाप्त होती है. शोभा अपने पुराने जीवन में वापस आकर अपनी बेटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी उठाती है और उसी में अपनी खुशी तथा संतुष्टि की खोज करती है. जीवन में वापसी के साथ संभव सिंह अब केवल उसका दोस्त है, दोस्त के सिवाय कुछ नहीं.

मानव जीवन विचित्र होने के साथ-साथ जटिल भी है. और ऐसा ही महिला-पुरुष  ( स्त्री-पुरुष ) का संबंध भी. कोई इनसान नहीं जानता कि वह कब और कैसे किसी के प्यार में पड़ जाता है. नाटक में इस प्रकार के कई जटिल मोड़ दिखाए गए हैं.
शोभा दास के रूप में मुनमुन ने शानदार अभिनय किया. संभव सिंह के रूप में राजेश बक्शी ने अपने अभिनय के माध्यम से दर्शकों को कई बार हँसाया भी और भावुक भी किया. नाटक की बोल्ड थीम के बावजूद दोनों ही कलाकारों ने यथार्थवादी अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा. मुनमुन और राजेश बक्शी के अलावा वेटर के रूप में मोहम्मद जैद ने भी उम्दा प्रदर्शन किया. एक दर्शक ने कहा कि नाटक देखते हुए उसे अपने जीवन में घटित घटनाएं याद आने लगीं.
नाटक के लिए रोशनी डिजाइनिंग की अजहर खान ने तथा संगीत विक्रांत ने दिया. मंच प्रबंधक के रूप में शिवांगी भारद्वाज, मंच संयोजन में सुधीर खन्ना, मंच सामग्री मे रोहित प्रसाद और सूरज सिंह, मेकअप में पायल रानी, छवि साहा और वेशभूषा प्रबंधन के लिए रेखा जोशी ने सराहनीय कार्य किया.

विभा रानी
विभा रानी हिंदी और मैथिली की सुपरिचित लेखिका, अनुवादक, रंगकर्मी और फिल्मी कलाकार हैं. उनकी 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. ‘दूसरा आदमी, दूसरी औरत’ उनका बहुत ही चर्चित नाटक है. इसके देशभर में कई शो हो चुके हैं और लगातार होते रहते हैं. विभा रानी को ‘कथा अवार्ड-1999’, ‘धनश्यामदास साहित्य सम्मान’, ‘मोहन राकेश सम्मान’, ‘विमेन एचीवर एवार्ड’, ‘लाडली मीडिया एवार्ड’, ‘व्यंग्य रचनाकार सम्मान’ एवं ‘साहित्य सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया जा चुका है. विभा रानी मैथिली के तीन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हैं.