विहग सुनाते गीत नया , कुछ तो नवीन है आज , सरयू के जल से करतीं , सूरज की किरणेँ बात , अहा ! कितना सुन्दर प्रभात I पौधों में खिलतीं नव कलियां, कर जीवन का संचार , चीर आवरण , अंगडाई ले , सदियों बाद जगी है रात , ...
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