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दत्तोपंत ठेंगड़ी व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में जयंती पर की गई गोष्ठी !

जौनपुर- भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्मदिवस पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो.देवराज सिंह ने कहा कि “दत्तोपंत जी के विचार काल सुसंगत हैं,उन्होंने जीवनभर जो तपस्या की उसके कारण वे एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत के साथ एकाकार व्यक्तित्व थे।दत्तोपंत जी कानून की शिक्षा प्राप्त कर वकील बने, किन्तु वकालत उन्हें रास न आई और वे आरएसएस के प्रचारक रूप में कार्य करने लगे। कुशल संगठनकर्ता दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा स्थापित भारतीय मजदूर संघ में आज एक करोड़ अधिक सदस्य हैं। 1967 में उन्होंने भारतीय श्रम अन्वेषण केन्द्र की स्थापना कराई और 1990 में स्वदेशी जागरण मंच स्थापित किया।

विधि विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वनिता सिंह ने कहा कि ठेंगड़ी जी का व्यक्तित्व, कृतित्व, नेतृत्व और प्रतिभा अद्वितीय व अनुकरणीय है। मालिक, मजदूर व राष्ट्र, तीनों दृष्टि की कृतित्व शैली यदि किसी मजदूर नेता मे दिखी तो वे दत्तोपंत ठेंगड़ी जी थे। कार्यक्रम में विभाग के समस्त छात्र व विभागीय शिक्षक डॉ.राहुल कुमार राय, श्रीप्रकाश यादव,मंगला प्रसाद यादव,डॉ.इंद्रजीत सिंह, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ प्रियंका कुमारी,डॉ अनुराग मिश्र आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन डॉ.दिनेश कुमार सिंह ने किया।