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(Arms Act):

राकेश सचान को आर्म्स एक्ट मामले में 1 साल की सजा

कानपुर । भाजपा (Arms Act) के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को आर्म्स एक्ट (Arms Act) मामले में 1 साल की सजा सोमवार को हुई। मगर इसकी कहानी 31 साल पुरानी पॉलिटिकल रंजिश से शुरू हुई। जब कानपुर में एक तरफ थे राकेश सचान। दूसरी तरफ विजय सचान।

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इस दौरान राकेश को प्रधानमंत्री वीपी सिंह हॉस्पिटल देखने पहुंचे थे। इसके बाद से राकेश के राजनैतिक सितारे बुलंदियों पर पहुंच गए। उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट भी मिला था और विधायक बने थे।

गैंगवार में विजय सचान और उनके साथियों ने राकेश सचान के दो साथियों को गोलियों से भून दिया था। मौजूदा समय में वो कानपुर के किदवई नगर में परिवार समेत रहते हैं। कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा से विधायक और एमएसएमई मंत्री हैं।

आर्म्स एक्ट केस की शुरुआत 13 अगस्त 1991 से होती है। इसका बदला लेने के लिए राकेश सचान रायफल और कारतूस का बंडल लेकर घर से निकले थे। मगर वो किसी पर गोली चला पाते, इससे पहले पुलिस ने पकड़ लिया।

पड़ताल में सामने आया था कि ट्रिपल मर्डर के बाद राकेश सचान मौके पर अपने दोस्त के साथ बदला लेने की नियत से आए थे। उनके पास से डबल बैरल और उनके दोस्त के बाद से सिंगल बैरल बंदूक बरामद हुई थी। मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।

अब 31 साल बाद ट्रायल पूरा होने पर कोर्ट ने सजा सुनाई है। उनके पास रायफल और कारतूस का डिब्बा था। इस दौरान नौबस्ता थाना प्रभारी बृजमोहन उदेनिया ने दोनों को सचान गेस्ट हाउस से दौड़ाकर बर्रा बाइपास पर असलहों के साथ गिरफ्तार कर लिया था।