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सुप्रीमकोर्ट व हाईकोर्ट के रिटायर जजों को सुविधाएं बढ़ाने के मामले में प्रमुख सचिव न्याय व वित्त सचिव उत्तर प्रदेश तलब !

प्रयागराज 25 मार्च – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिल रही सुविधाओं पर पुनर्विचार कर आंध्र प्रदेश राज्य के समान सुविधा देने को लेकर रिटायर्ड जजों की याचिका पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त उत्तर प्रदेश सरकार तथा सभी संबंधित अधिकारियों को रिकॉर्ड के साथ 4 अप्रैल 2023 को तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि कई आदेशों के बावजूद एक अथवा दूसरे बहाने से केस की सुनवाई टाली जा रही है। यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार व जस्टिस राजेंद्र कुमार चतुर्थ ने एसोसिएशन ऑफ सुप्रीम कोर्ट एंड हाईकोर्ट जजेज इलाहाबाद व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। याची की तरफ से अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे रखा है कि वह आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा रिटायर्ड जजों को दी जा रही सुविधाओं की भांति उत्तर प्रदेश में भी सुविधाएं लागू करेगी। कहा गया है की उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने अंडरटेकिंग से वादाखिलाफी कर रही है और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा रिटायर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को मिल रही सुविधाएं देने से आनाकानी कर रही है।

जबकि सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी का कहना था कि हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार ने कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था जो प्राप्त हो गया है। कहा गया कि सरकार इसे कैबिनेट के समक्ष शीघ्र ही रखेगी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा की हाईकोर्ट की तरफ से रूल्स में संशोधन का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है परंतु सरकार इस स्कीम को लागू करने में धीमी प्रक्रिया अपना रही है जो उचित नहीं है। हाई कोर्ट इस मामले पर 4 अप्रैल को पुनः सुनवाई करेगी। याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर जजों को आंध्र प्रदेश सरकार की भांति यूपी में सुविधाएं देने तथा घरेलू नौकरों एवं जजों की विधवा को सुविधा बढ़ाने की मांग की गई है।