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(पाकिस्तान )
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पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव आज(पाकिस्तान )

पाकिस्तान: पाकिस्तान  (पाकिस्तान ) में आज (9 मार्च) राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जीत लगभग तय मानी जा रही है. अगर जरदारी चुनाव में जीत हासिल कर लेते हैं तो वह पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति होंगे.
पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति मौजूदा डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था. हालांकि, जब तक नए निर्वाचक मंडल का गठन नहीं हो जाता तब तक वह पद पर बने रहेंगे.

पूर्व पीएम बेनजीर के पति हैं जरदारी
बिजनेसमैन से नेता बने जरदारी, दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष 68 वर्षीय जरदारी को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार का समर्थन प्राप्त है, जिसके पास बहुमत के लिए आवश्यक संख्या है.

पहले भी रह चुके हैं राष्ट्रपति
वह इससे पहले भी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं. अगर वह दूसरी बार राष्ट्रपति बनते हैं तो ऐसा करने वाले वह पाकिस्तानी नागरिक भी होंगे.

राजनीतिक समझौते के तहत चुनाव में खड़े हुए जरदारी
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनावों में खंडित जनादेश आने के बाद हुए समझौते के हिस्से के रूप में जरदारी को राष्ट्रपति पद हासिल हो सकता है.

समझौते के मुताबिक, पीपीपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए पीएमएल-एन के उम्मीदवार को समर्थन दिया और मरियम नवाज को पंजाब प्रांत में सरकार बनाने का मौका मिला.

वहीं पीएमएल-एन ने राष्ट्रपति पद के लिए जरदारी को समर्थन दिया और सिंध प्रांत पीपीपी के हिस्से में आया.

अचकजई दे रहे हैं जरदारी को चुनौती
पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख महमूद खान अचकजई, जरदारी को चुनौती दे रहे हैं, जो सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) से चुनाव लड़ रहे हैं.

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निदर्लीय उम्मीदवारों के सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) में शामिल होने के बाद यह परिषद प्रमुखता से सामने आया है.

बिलावल भुट्टो का बयान
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने आश्वासन दिया कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी पंजाब के सांसदों का उसी तरह ख्याल रखेंगे जैसे वह उनका रखते हैं. पीएमएल-एन बहुमत वाली पंजाब प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि वह नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों से अपने पिता के लिए वोट करने के लिए कहने आए थे.